देवघर : बाबा बैद्यनाथ मंदिर के इतिहास में गुरुवार को एक आैर अध्याय जुड़ गया. 46 वर्षों के बाद बाबा मंदिर में पूरे विधि-विधान व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सरदार पंडा की ताजपोशी की गयी. अजीतानंद ओझा बाबा मंदिर के 28वें सरदार पंडा के रूप में गद्दी पर बैठे. अब बाबा मंदिर की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सरदार पंडा की देखरेख में पूजा पद्धति को संचालित किया जायेगा.
बाबा मंदिर में सरदार पंडा की ताजपोशी के लिए गुरुवार को भव्य आयोजन किया गया. सुबह छह बजे से यह कार्यक्रम शुरू किया गया. सबसे पहले सरदार पंडा अजीतानंद ओझा अपने निजी आवास से सैकड़ों लोगों के साथ जयकारा लगाते हुए बाबा मंदिर पहुंचे. मंदिर में चंद्रकूप पर विधिवत उनका मुंडन हुआ. इसके बाद सरदार पंडा को चंद्रकूप के जल से महास्नान कराने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई. इसी क्रम में उन्हें गंगा सहित अलग-अगल सात नदियों व समुद्र के जल से महास्नान कराया गया.
28वें सरदार पंडा बने…
इसके बाद परंपरा के अनुसार, महंत अजीतानंद ओझा को शाही वस्त्र, पगड़ी आदि पहनाया गया. वहीं मणिक चौक पर महंतजी ने अपने हाथों से ब्राह्मण भोजन कराया गया. इसके बाद पूरे विधि-विधान से बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना की गयी.
46 साल बाद गद्दी पर फिर सरदार पंडा
जिला प्रशासन से तालमेल कर चलाएंगे बाबा मंदिर : सरदार पंडा अजीतानंद
बाबा मंदिर में पूरे विधि-विधान से हुई ताजपोशी
श्रम मंत्री राजपलिवार, विधायक, पदाधिकारी व हजारों लोग बने इस पल के गवाह
शुक्रवार की शाम को बाबा मंदिर में होगा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम
केएन झा ने पहनायी पगड़ी, बिठाया गद्दी पर
बाबा बैद्यनाथ की पूजा संपन्न होने के तुरंत बाद अजीतानंद ओझा को उनके चाचा शरु झा ने तिलक लगाया. इसके बाद परिवार के वरिष्ठ सदस्य केएन झा ने पगड़ी पहना कर गद्दी पर बिठाया और ताजपोशी की प्रक्रिया को संपन्न किया. ताजपोशी होते ही अजीतानंद ओझा का जीवन पूरी तरह से वैराग्य जीवन हो गया.