रामू भारती की 21 वर्षीय पुत्री खुशबू देवी को उल्टी व दस्त हो रहा था. उसे डॉक्टर के पास न ले जाकर ओझा के पास ले जाया गया. ओझा ने काफी समय तक खुशबू की झाड़-फूंक की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. खुशबू की हालत और भी बिगड़ गयी. इलाज के अभाव में उसने दम तोड़ दिया. खुशबू का एक साल का बेटा है, जो मां के शव के पास बैठ कर उसे उठाने का प्रयास कर रहा था.
जिसने भी यह दृश्य देखा उसकी आंखें भर आयी. इससे पूर्व भी प्रखंड के कई लोगों की मौत अंधविश्वास की वजह से हो चुकी है. अंधविश्वास की वजह से यहां के लोग बीमारी होने पर या सांप के काटने पर ओझा गुणी से झाड़-फूंक कराते हैं. ऐसे में समय पर इलाज नहीं हाेने की वजह से मरीज की मौत हो जाती है.