गुवा.
सारंडा की गंगदा पंचायत स्थित 14 गांवों के हजारों ग्रामीण बीते 10 दिनों से भीषण गर्मी में पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. दरअसल, बिजली बिल जमा नहीं करने पर विभाग ने कनेक्शन काट दिया है. ऐसे में दोदारी जलापूर्ति योजना के डब्ल्यूटीपी (जल शोध संयंत्र) व जलमीनार बेकार पड़ी है. दो सरकारी विभागों के बीच सामंजस्य की कमी के कारण आम जनता प्यासी है. जल संकट से नाराज ग्रामीणों ने शुक्रवार को बैठक की. इसकी अध्यक्षता मुखिया सह सारंडा विकास समिति के अध्यक्ष सुखराम सांडिल उर्फ राजू सांडिल ने की. सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि अगर प्रशासन 29 मई तक स्थायी समाधान नहीं करता है, तो 30 मई से सलाई चौक के पास मुख्य सड़क को अनिश्चितकाल के लिए जाम करेंगे.श्री सांडिल ने कहा कि सरकारी व्यवस्था की बदहाली से हम परेशान हैं. ग्रामीणों ने कहा कि इस बार समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी.पांच साल बाद भी अधिकतर घरों में नल का कनेक्शन नहीं
योजना के तहत सभी घरों में नल कनेक्शन देना था. हालांकि, योजना शुरू होने के पांच वर्ष बाद भी अधिकतर घरों में नल कनेक्शन नहीं दिया गया है. कई गांवों में पाइप लाइन तक नहीं बिछायी गयी है. कई गांव में बिछायी गयी है, लेकिन पानी नहीं पहुंच रहा है.
सेल खदानों के प्रबंधन ने भी मुंह मोड़ा
मुखिया ने कहा कि गंगदा पंचायत के अधिकतर गांव सेल के गुवा व चिरिया खदान क्षेत्र के सीएसआर दायरे में हैं. इसके बावजूद दोनों खदानों के प्रबंधन गांवों में न सोलर जलमीनार लगा रहे हैं, न डीप बोरवेल. खदानों से केवल खनिज की निकासी हो रही है. क्षेत्र के विकास की चिंता किसी को नहीं है. बैठक में प्रदीप सिद्धू, कमलेश्वर दास, रामाय पूर्ति, बागी चाम्पिया, डंका चैंपियन, सुखलाल दास, मनबोध चाम्पिया, मनसा पूर्ति, संजय दास, जेना चाम्पिया, बागान गोप समेत पंचायत के दर्जनों गांवों के प्रतिनिधि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है