चाईबासा.
कोल्हान विश्वविद्यालय (केयू) के छह विभाग पिछले कई माह से अतिरिक्त प्रभार में चल रहे हैं. इन विभागों में स्थायी प्रभारी नहीं हैं. आश्चर्यजनक है कि जूलॉजी के शिक्षक को जियोलॉजी, राजनीति विज्ञान के शिक्षक को भूगोल, संस्कृत के शिक्षक को ट्राइबल रिजनल लैंग्वेज का का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. वहीं, समाज शास्त्र के डीन गृह विज्ञान, इतिहास के शिक्षक मानव विज्ञान और हिंदी के शिक्षक उर्दू विभाग चला रहे हैं. उक्त 6 विभागों के अब तक विभागाध्यक्ष नहीं बनाये गये हैं. दरअसल, सीनियर शिक्षकों की उपलब्धता नहीं होने कारण उक्त परिस्थिति बनी है. हालांकि, सरकारी नीतियों में कमी, संसाधनों की अनुपलब्धता और शिक्षकों की कमी से शिक्षा व्यवस्था बदहाल है.समाज शास्त्र के डीन गृह विज्ञान भी संभाल रहे
पॉलिटिकल साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर को सोशल साइंस का डीन बनाया गया है. ये गृह विज्ञान के अतिरिक्त प्रभारी भी हैं. उन्हें डीन ऑफ एजुकेशन के साथ विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर की जिम्मेदारी भी मिली है. इसी तरह डीन ऑफ साइंस बने शिक्षक केएस कॉलेज सरायकेला के प्रोफेसर इंचार्ज का पदभार भी संभाल रहे हैं. विभागों के सीनियर मोस्ट शिक्षक को अमूमन उक्त पद पर बहाल किया जाता है, परंतु विश्वविद्यालय की खोज अब भी जारी है.नियमावली को लेकर केयू प्रशासन गंभीर नहीं
विश्वविद्यालय में विभागाध्यक्षों की नियुक्ति अमूमन 2 से 3 वर्षों के लिए होती है. उक्त नियम अलग-अलग विश्वविद्यालयों में अलग-अलग है. केयू प्रशासन ने पिछले कई वर्षों से इस दिशा में पहल ही नहीं की है. ऐसे में समस्या जस की तस है. लंबे समय से एक स्थान पर जमे हैं कई शिक्षक: कोल्हान विवि के कई प्रशासनिक पद और अंगीभूत कॉलेजों में विभिन्न पदों पर शिक्षक लंबे अर्से से जमे हैं. पूर्व कुलपति आरपीपी सिंह के कार्यकाल (2014-17) में शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया था. उसके बाद स्थानांतरण की प्रक्रिया खटाई में है. हालांकि गंगाधर पंडा के कार्यकाल (2020-23) में पहल हुई थी, लेकिन पूरी नहीं हो सकी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है