नोवामुंडी.
पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी प्रखंड की दूधबिला पंचायत स्थित शुक्रिपाड़ा गांव में एक साल की बच्ची गंभीर बीमारी से जूझ रही है. बच्ची का सिर उसके शरीर की तुलना में बड़ा होता जा रहा है. बच्ची के जीवन पर गहरा संकट मंडरा रहा है. बच्ची के पिता शारदा केराई मजदूर है. परिवार के अन्य सदस्य भी गंभीर रूप से बीमार हैं. परिवारवालों ने बताया कि वे एक बार इलाज के लिए बाहर गये थे. उन्हें 15,000 रुपये खर्च बताया गया, जो उनकी आर्थिक स्थिति से बाहर है. पैसे की कमी और जागरूकता के अभाव में बच्ची का इलाज झाड़-फूंक व पूजा-पाठ से शुरू कराया. ग्रामीणों ने बताया कि आज तक गांव में कोई भी सरकारी सुविधा नहीं पहुंची.इसकी सूचना मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता प्रमिला पात्रो गांव पहुंची. उन्होंने कहा कि गांव जंगलों के बीच बसा हुआ है. यहां के लोग न हिंदी बोलते हैं और न ओड़िया. इससे संवाद और सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचने में कठिनाई होती है. प्रमिला ने बच्ची को जल्द मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन से आग्रह किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है