चाईबासा.
सारंडा रिजर्व वन क्षेत्र के किरीबुरु रेंज में एक दंतैल हाथी ने जमकर उत्पात मचाया. हाथी ने नवागांव व भनगांव गांव में तीन घरों को तोड़ दिया. घरों में रखे राशन, बर्तन, कपड़े व दैनिक उपयोग की सामग्री को बर्बाद कर दिया. वहीं, हाथी के हमले में सुखराम सुरीन के घर की दीवार गिरने से उसकी बेटी सोमवारी सुरीन घायल हो गयी. बेटी घर में दीवार से सटकर सोयी हुई थी. तीनों घरों के लोगों ने भागकर अपनी जान बचायी.तीनों परिवार के सिर से छत छिनी
हाथी ने नवागांव निवासी रवींद्र मुंडा व भनगांव के सुखराम सुरीन और पांडू सिद्धू के घरों को नुकसान पहुंचाया है. ग्रामीणों का कहना है कि हम सीमित संसाधनों में जीवन काट रहे हैं. अब हमारे पास सिर छिपाने की छत नहीं बची. ग्रामीण दिन-रात भय के साये में जी रहे हैं. वन विभाग हाथियों को खदेड़ने में सफल नहीं हो रहा है.
हाथियों से सालभर परेशान रहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि यह पहली घटना नहीं है. उक्त हाथी सालभर में गांवों में घुसकर उत्पात मचाता है. हाथियों का अलग-अलग झुंड सारंडा क्षेत्र के कई गांवों में जान-माल को नुकसान पहुंचा रहा है. अब तक कई ग्रामीण हाथियों के हमले में अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. वन विभाग स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर पा रहा है.मुआवजा के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहे
ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में जिनके घरों को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया था, उन्हें अबतक मुआवजा नहीं दिया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि दर्जनों परिवार पिछले हमलों में अपना संपत्ति गंवा चुके हैं. मुआवजे की रकम के लिए आज भी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं.
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