चाईबासा. चाईबासा के सूरजमल जैन डीएवी पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को विशेष प्रार्थना सभा में कविगुरु रबींद्र नाथ टैगोर की जयंती मनायी गयी. मौके पर कविगुरु के चित्र पर शिक्षक- शिक्षिकाओं व विद्यार्थियों ने पुष्पांजलि अर्पित की. प्रभारी प्राचार्य चंद्रशेखर ने कहा कि कविगुरु साहित्यकार, नोबेल पुरस्कार विजेता, दार्शनिक, संगीतकार व कुशल कलाकार थे. उनकी रचनाएं हमें जीने की कला सिखाती हैं. हमें उनकी रचनाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए. उनका गीत ””एकला चलो रे”” में आत्मनिर्भर भारत की झलक है.
शिक्षिका श्वेता सिन्हा ने कहा कि गुरुदेव ने भारतीय संस्कृति को पश्चिमी दुनिया में पेश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. टैगोर की कला और संस्कृति के बड़े प्रशंसक थे. माैके विद्यालय में संगीत प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. कक्षा तीसरी के छात्र शुभम् सामंत ने ””एकला चलो रे”” गीत प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया. संगीत शिक्षक के मार्गदर्शन में समूह गीत प्रस्तुत किया गया. मंच संचालन छात्रा ईशानी कुंडू ने किया.केयू में मनी कविगुरु रबींद्र नाथ की जयंती
केयू के स्नातकोत्तर बांग्ला एवं साहित्य विभाग द्वारा शुक्रवार को कविगुरु रबींद्रनाथ ठाकुर की जयंती मनायी गयी. उपस्थित शिक्षक, शिक्षिकाओं व विद्यार्थियों ने कविगुरु की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की. मौके पर विद्यार्थियों द्वारा रबींद्र संगीत प्रस्तुत किया गया. गीता मिश्रा ने रबींद्रनाथ की जीवनी पर प्रकाश डाला. विभागाध्यक्ष डॉ तपन खानरा ने मानव साधक कवि रबींद्रनाथ के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी. मौके पर कुड़माली के प्राध्यापक सुभाष चंद्र महतो, संताली प्राध्यापक निशोन हेम्ब्रम, हो भाषा के शिक्षक बसंत चाकी व बांग्ला विभाग के शोधार्थी अभिक प्रधान व प्रभाष चंद्र देहुरी ने अपने विचारों को रखा.
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