तांतनगर.तांतनगर प्रखंड क्षेत्र के इलिगाड़ा में चार अप्रैल को आयोजित शहीद गंगाराम कालुंडिया की शहादत दिवस की समीक्षा गुरुवार को ईचा खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान के अध्यक्ष बिरसिंह बुड़ीउली की अध्यक्षता में हुई. इस दौरान बुड़ीउली ने कहा कि गंगाराम का बलिदान बेकार नहीं जायेगा. जमीन, सदन व न्यायालय के द्वार तक विस्थापितों की हक की बात को रखकर ईचा डैम रद्द कराया जायेगा. इसके लिए संघ को जो करना पड़ेगा, हमेशा तैयार हैं. अस्सी के दशक में ईचा डैम (सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना) के विरुद्ध उग्र आंदोलन किया गया था. उनके नेतृत्व में कोल्हान के 87 गांव और पूर्ण व आंशिक रूप से डूब वाले विस्थापितों को एकजुट कर लड़ाई लड़ी थी. पुलिस प्रशासन ने विरोध को कुचलने के लिए उनकी निर्मम हत्या कर दी थी. तब से वीर शहीद गंगाराम विस्थापितों के दिलों दिमाग में अमर हो गये. वहीं, संघ के पदाधिकारियों ने शहादत दिवस में हुए आय- व्यय पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.
शहादत से प्रेरित होकर संघर्ष जारी रखेगा संघ
संघ के अध्यक्ष बीर सिंह बुड़िउली ने कहा कि संघ की लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष या राजनीतिक पार्टी की नहीं है. हक अधिकार,अस्तित्व, पहचान और विस्थापितों के हितों के रक्षार्थ शहादत से प्रेरित हो कर संघ संघर्ष जारी रखेगा और गांवों में जाकर फिर से जनसंपर्क अभियान के माध्यम से विस्थापन के विरुद्ध आंदोलन जल्द शुरू किया जायेगा.बैठक में ये थे उपस्थित
शहीद के वंशज रघुनाथ उर्फ रूपनारायण कालुंडिया, अमृत लाल कालुंडिया, सुभाष कालुंडिया, गुलिया कुदादा, बीर सिंह बिरुली, गुलिया कालुंडिया, बिरसा कालुंडिया, मुकेश कुमार कालुंडिया, बुधू लाल कालुंडिया, दशकन तीयू, रविंद्र अल्डा, मानसा बोदरा, मोटाए कालुंडिया, मिलन कालुंडिया, बहादुर महाकुड़ आदि.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है