चाईबासा.
आदि संस्कृति एवं विज्ञान संस्थान की झींकपानी के जोड़ापोखर में बुधवार को बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष पोदना हेस्सा ने की. उन्होंने बैठक का उद्देश्य हो भाषा के प्रचार-प्रसार, वारंगक्षिति लिपि को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में शिक्षा की दिशा में ठोस पहल करने एवं आधुनिक तकनीक विशेषकर एआई टेक्नोलॉजी के माध्यम से भाषा एवं शिक्षा को जन सामान्य तक पहुंचाने को लेकर चर्चा की गयी. इस दौरान एनइपी 2020 के तहत मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा को लागू करने पर जोर दिया गया. यह विचार सामने आया कि जनजातीय समाज की भाषाएं, जैसे हो भाषा शिक्षा का माध्यम बने. इससे बच्चों की बुनियादी समझ और सीखने की प्रक्रिया सशक्त होगी. यह भी चर्चा की गयी कि कई जनजातीय और ग्रामीण समुदायों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं पहुंच पाती है, इससे लोग योजनाओं से वंचित रह जाते हैं. ऐसे में हो भाषा में जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को योजनाओं से जोड़ना जरूरी है.ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफाॅर्म विकसित करने पर हुई चर्चा
बैठक में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक की मदद से हो भाषा में डिजिटल सामग्री विकसित करने, भाषा अनुवाद उपकरण तैयार करने और ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्म विकसित करने की संभावनाओं पर भी विचार हुआ. इससे न केवल भाषा का डिजिटलीकरण होगा, बल्कि तकनीकी दुनिया में जनजातीय भाषाओं को भी समान स्थान मिलेगा. बैठक में यह सुझाव दिया गया कि स्कूल स्तर पर प्रशिक्षण, वर्कशॉप, प्रतियोगिता और पाठ्यपुस्तकों के माध्यम से वारंगक्षिति लिपि को लोकप्रिय बनाया जाये. बैठक का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि सभी संस्थाएं और सहभागी मिलकर हो भाषा, उसकी लिपि, संस्कृति और समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए मिलजुल कर काम करेंगे. बैठक में टाटा स्टील फाउंडेशन के जमशेदपुर से वीरेन तियु और आजंक्य बिरुवा की विशेष उपस्थिति रही.
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