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अगवा नाइट गार्ड व रोलर ऑपरेटर को अपराधियों ने छोड़ा, घघरी- रजरप्पा निर्माणाधीन पुल साइट से हुआ था अपहरण

गोमिया के घघरी व रजरप्पा मंदिर के बीच निर्माणाधीन पुल साइट से अगवा किये गये नाइट गार्ड मुकेश मुर्मू व रोलर ऑपरेटर टुन्नू भुइयां को अपराधियों ने मंगलवार की मध्य रात्रि बाद करीब डेढ़ बजे छोड़ दिया है. संभावना व्यक्त की जारी है कि पुलिस के बढ़ते दबाव व जगह-जगह की जा रही छापेमारी से परेशान होकर अपराधियों ने मजदूरों को छोड़ा.

महुआटांड़ (बोकारो) : गोमिया के घघरी व रजरप्पा मंदिर के बीच निर्माणाधीन पुल साइट से अगवा किये गये नाइट गार्ड मुकेश मुर्मू व रोलर ऑपरेटर टुन्नू भुइयां को अपराधियों ने मंगलवार की मध्य रात्रि बाद करीब डेढ़ बजे छोड़ दिया है. संभावना व्यक्त की जारी है कि पुलिस के बढ़ते दबाव व जगह-जगह की जा रही छापेमारी से परेशान होकर अपराधियों ने मजदूरों को छोड़ा. अपहृत दोनों मजदूर सकुशल लौटे हैं. अपराधियों की चंगुल से छूटने के बाद मुकेश मुर्मू रात में अपने घर घघरी पहुंचा, तो टुन्नू भुइयां अपने साइट स्थल के कैंप में. सुबह में बोकारो पुलिस दोनों को थाने बुलाकर पूछताछ की.

बताया गया कि उक्त दोनों मजदूरों को अपराधियों ने रजरप्पा से सटे जैनिमरवा जंगल में छोड़ा. यहा से मजदूर चलकर घर या साइट पहुंचे. विदित हो कि बीते 29 मई की देर रात उक्त निर्माणाधीन पुल के घघरी साइड में लेबर शेड से मनिका (लातेहार) निवासी रोलर ऑपरेटर टुन्नू भुइयां व पुल के ऊपर से घघरी निवासी नाइट गार्ड मुकेश मुर्मू को अज्ञात अपराधियों ने हथियार के बल पर अपहरण कर लिया था. इसके बाद से क्षेत्र में दहशत व्याप्त था. बोकारो पुलिस अपराधियों की धर- पकड़ को लगातार जगह-जगह दबिश और ट्रेसिंग में जुटी हुई थी.

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किसी अंधेरे जगह पर रखे गये थे मजदूर

अपराधियों के चंगुल से छूटने के बाद अपने घर पहुंचे नाइट गार्ड मुकेश मुर्मू ने प्रभात खबर को बताया कि हमदोनों को किसी अंधेरे जगह पर रखा गया था, चूंकि आंख पर पट्टी बंधी थी, इसलिए जगह मालूम नहीं है. लेकिन, गुफा जैसी कोई जगह रही होगी. यहां पट्टी खोल दी गयी, लेकिन कुछ भी नहीं दिख रहा था. अपराधी हमारे सामने या हमसे कोई बात नहीं करते थे. दिन में एक टाइम खाना मिलता था.

मुर्मू ने बताया कि अपहरण के बाद हमें जंगल में करीब दो से ढाई घंटे पैदल चलाया गया. नदी पार करने के बाद आंखों में पट्टी बांध दी गयी. इसलिए पता नहीं हमें कहां ले जाया गया. सिर्फ इतना ही कह रहे थे चलो जल्दी, चलो जल्दी. जिस वक्त हमें मंगलवार की रात लेकर छोड़ा गया और पट्टी हटायी गयी, तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि किधर जाना है.

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हमने अपराधियों से ही जाने का रास्ता पूछा, तो उन्होंने बताया कि इधर जाओ. थोड़ी दूर पैदल चले, तो एक बोर्ड दिखा, जिससे हम परिचित थे. तब जाकर हमने राहत की सांस ली कि अब हमलोग रिहा हो गये हैं और कुछ ही दूर हमारा साइट या घर है. टुन्नू भुईयां ने बताया कि सोने के लिए चटाई और चादर दिया था.

एएसपी अंजनी अंजन ने कहा कि अपहरण की घटना के बाद से बोकारो पुलिस लगातार अभियान चला रही थी. संभव है कि पुलिस के दबाव में आकर अपराधियों ने अपहृत मजदूरों को छोड़ दिया हो. पुलिस दोनों मजदूरों से अपराधियों की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर रही है.

Posted By : Samir ranjan.

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