Bokaro News : कसमार थाना क्षेत्र के कसमार (चट्टी) निवासी राजकुमार दत्ता की पत्नी निशा कुमारी (27 वर्ष) का शव शुक्रवार की देर शाम को पोस्टमार्टम के बाद रिम्स, रांची से पहुंचते ही परिजनों एवं ग्रामीणों की चीत्कार से पूरा गांव गमगीन हो उठा. कैसी विडंबना है कि राजकुमार दत्ता ने 2019 में आज ही के दिन 27 जून को निशा को अपना जीवनसाथी बनाकर घर में प्रवेश किया था और छह साल बाद आज ही के दिन उन्हें उनका शव लेकर अपना घर आना पड़ा. एक तरफ उनकी पत्नी का शव और राजकुमार की गोद में 21 दिन के बच्चे को देख हर किसी की आंखें नम थी और अस्पताल के लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ आक्रोश भी. ग्रामीणों ने इस घटना के खिलाफ सड़क जाम करने का मन भी बना लिया था, लेकिन कुछ लोगों के समझाने पर योजना स्थापित कर दी. मौके पर भाजपा नेता लक्ष्मण नायक भी पहुंचे तथा घटना पर दुख जताते हुए कहा कि सरकार दोषी चिकित्सकों पर अविलंब कार्रवाई करें, अन्यथा ग्रामीणों को इस मामले को लेकर सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. इधर, देर शाम को शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
क्या है मामला : मालूम हो कि निशा कुमारी की मौत गुरुवार की अहले सुबह रिम्स में इलाज के दौरान हो गयी है. परिजनों ने आरोप लगाया है कि एसएनएमएमसीएच, धनबाद के गायनी विभाग के चिकित्सकों की लापरवाही से निशा की मौत हुई है. परिजनों ने बताया कि 27 मई को निशा को एसएनएमएमसीएच के गायनी विभाग में भर्ती कराया था. 28 मई को अस्पताल में ऑपरेशन से निशा ने बच्चे को जन्म दिया. इसके कुछ घंटे के बाद उसका यूरिन पास होना बंद हो गया. 29 मई की सुबह स्थिति बिगड़ गयी और चिकित्सकों ने निशा को रिम्स रेफर कर दिया. रिम्स में जांच में पता चला कि एसएनएमएमसीएच में ऑपरेशन के दौरान पेट में ही प्लेसेंटा छोड़ दिया गया. कम यूरिन पास होने से निशा की दोनों किडनी प्रभावित हो गयी, जिसके चलते उनकी मौत हुई है.
ऑपरेशन के दौरान पेट में प्लेसेंटा छोड़ने के मामले की जांच शुरू
कसमारचट्टी निवासी राजू दत्ता ने एसएनएमएमसीएच, धनबाद के गायनी विभाग के चिकित्सकों पर उनकी पत्नी के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से शिकायत की थी. इस मामले में मंत्री के निर्देश पर स्थानीय स्तर पर एसएमएमएमसीएच प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार महिला मरीज का बीएसटी निकाल जा रहा है. इसके बाद जांच की जाएगी कि महिला का इलाज किसने किया है, कहां गड़बड़ी हुई आदि. ज्ञात हो कि गत 27 मई को राजू दत्ता ने अपनी पत्नी निशा देवी को प्रसव के लिए एसएनएमएमसीएच के गायनी विभाग में भर्ती कराया गया था. प्रसव के बाद महिला कि तबीयत बिगड़ने पर चिकित्सकों ने उसे रिम्स रेफर कर दिया. वहां जांच में पता चला कि एसएनएमएमसीएच में डिलीवरी के समय ऑपरेशन के दौरान प्लेसेंटा पेट में ही छोड़ दिया गया था. इससे महिला की दोनों किडनी खराब हो गयी थी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. इसके बाद परिजनों ने उक्त मामले कि शिकायत स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी को की थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

