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Bokaro News : झारखंड आंदोलनकारी का शहादत दिवस मना

Bokaro News : झारखंड अलग राज्य आंदोलन के तहत 21 मार्च 1992 को की गयी आर्थिक नाकेबंदी के दौरान शहीद हुए सुदन महतो का 33वां शहादत दिवस शुक्रवार को शिवा महतो हाई स्कूल प्रांगण स्थित शहादत स्थल में शुक्रवार को मनाया गया.

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दुगदा. झारखंड अलग राज्य आंदोलन के तहत 21 मार्च 1992 को की गयी आर्थिक नाकेबंदी के दौरान शहीद हुए सुदन महतो का 33वां शहादत दिवस शुक्रवार को शिवा महतो हाई स्कूल प्रांगण स्थित शहादत स्थल में शुक्रवार को मनाया गया. मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री बेबी देवी ने शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. शहीद सुदन महतो स्मृति समिति की ओर से शहीद की पत्नी विमला देवी, अनुज पशुपति महतो व अन्य परिजनों को अंग वस्त्र व आर्थिक सहयोग देकर सम्मानित किया गया. साथ ही सप्ताहव्यापी शहीद सुदन मेला का उद्घाटन भी किया गया. समारोह की अध्यक्षता नारायण महतो व संचालन झामुमो जिला उपाध्यक्ष राजकुमार महतो ने किया. पूर्व मंत्री ने कहा कि शहीद के सपनों का झारखंड बनाने के लिए सभी को संकल्प लेने की आवश्यकता है. झारखंडवासियों के सपनों को साकार करने के लिए झारखंड सरकार साकारात्मक कार्य कर रही है. झामुमो जिला सचिव जयनारायण महतो ने कहा कि सुदन महतो का सपना था कि झारखंड में ही झारखंडियों को रोजी-रोटी के अवसर मिले. झामुमो जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि शहीद के आदर्शों को आत्मसात करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. यदु महतो, मो शमीद, प्रखंड अध्यक्ष सुभाष चंद्र महतो, आजसू नेता कार्तिक महतो ने भी शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. मौके पर अशोक कुमार महतो, प्रीतम महतो, विष्णु चरण महतो, गोपाल महतो, ओम प्रकाश महतो, प्रेमचंद रविदास, लालचंद महतो, कालीचरण महतो, पुरन महतो, मुरत महतो, दुर्गा चरण महतो, संजय महतो, जयसूर्या महतो, रमेश महतो, शंभू महतो, यमुना रविदास, गंगा प्रसाद मल्लाह आदि थे.

झामुमो उलगुलान ने दी श्रद्धांजलि

फुसरो. झामुमो उलगुलान की ओर से बस स्टैंड फुसरो के निकट कार्यालय में झारखंड आंदोलनकारी सूदन महतो का शहादत दिवस मनाया गया. केंद्रीय कार्यालय सचिव शंभूनाथ महतो सहित अन्य ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. श्री महतो ने कहा कि आर्थिक नाकेबंदी के दौरान 21 मार्च 1992 को सिजुआ में सूदन महतो की हत्या झारखंड विरोधियों ने कर दी थी. शहीदों के बल पर ही झारखंड अलग राज्य बना, लेकिन झारखंडियों की स्थिति नहीं सुधरी है. इसके लिए एक और आंदोलन करने की जरूरत है. मौके पर मो फिरोज खान, गिरिधारी महतो, जगदीश महतो, महेंद्र मंडल, बद्री महतो, गोपाल महतो, नीलकंठ महतो, जयकुमार टुडू, लक्ष्मण हांसदा आदि मौजूद थे.

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