राकेश वर्मा, बेरमो : अगले वित्तीय वर्ष में कोल इंडिया का उत्पादन लक्ष्य 863 मिलियन टन निर्धारित किया गया है. चालू वित्तीय वर्ष का उत्पादन लक्ष्य 838 मिलियन टन है. इसे हासिल करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष के शेष 14 दिनों में करीब 98 मिलियन टन उत्पादन करना होगा, यानि रोजाना लगभग सात मिलियन टन. 17 मार्च तक 741.51 मिलियन टन उत्पादन किया गया है. कोल इंडिया की तीन कंपनियों ने ही 500 मिलियन टन से ज्यादा उत्पादन किया है. एनसीएल ने 134.36, एसइसीएल ने 157.63 तथा एमसीएल ने 214.94 मिलियन टन उत्पादन किया है. इसके अलावा सीसीएल ने 81 तथा डब्ल्यूसीएल ने 65.24 मिलियन टन उत्पादन किया है. इसीएल लगभग तीन मिलियन टन, बीसीसीएल चार मिलियन टन व सीसीएल 18 मिलियन टन अपने निर्धारित लक्ष्य से पीछे चल रही है.
बेरमो में सीसीएल के तीनों एरिया भी लक्ष्य से पीछे
बेरमो में सीसीएल का बीएंडके, ढोरी व कथारा एरिया भी अपने उत्पादन लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं. बीएंडके एरिया करीब 2.5 मिलियन टन, कथारा एरिया 1.9 मिलियन टन तथा ढोरी एरिया सात लाख टन पीछे चल रहा है. सीसीएल के अन्य कई एरिया भी लक्ष्य से पीछे हैं. सीसीएल ने अभी तक 81 मिलियन टन उत्पादन किया है, जिसमें आधा से ज्यादा उत्पादन छह एरिया का है. आम्रपाली-चंद्रगुप्त ने 23 मिलियन टन , मगध-संघमित्रा ने 19 मिलियन टन, पिपरवार ने सात मिलियन टन, बरका-सयाल ने सात मिलियन टन, बीएंडके 6.4 मिलियन टन तथा ढोरी एरिया ने 4.3 मिलियन उत्पादन किया है.अगले वित्तीय वर्ष में सीसीएल का लक्ष्य है 105 मिलियन टन
मालूम हो कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सीसीएल का उत्पादन लक्ष्य 105 मिलियन टन निर्धारित किया गया है. सीसीएल के सीएमडी निलेंदू कुूमार सिंह का कहना है कि सीसीएल चालू वित्तीय वर्ष में 90 मिलियन टन से ज्यादा उत्पादन करने को लेकर प्रयासरत है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में धरातल पर कई चीजें धरातल पर दिखने लगेगी तथा उत्पादन के मामले में बदलाव दिखेगा. कंपनी में अगले वित्तीय वर्ष में सबसटेंशियल ग्रोथ दिखेगा. इसको लेकर होमवर्क कर लिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

