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Bokaro News : जलकुंभियों से पटा सरकारी तालाब, 20 साल से नहीं हुई सफाई

Bokaro News : नावाडीह की तीन हजार आबादी की लाइफलाइन है तालाब

नावाडीह का जलकुभी से भरा सरकारी तालाबBokaro News : नावाडीह की तीन हजार आबादी की लाइफलाइन है तालाब

Bokaro News : मनोज वर्णवाल, नावाडीह.

बोकारो जिले के कृषि प्रधान नावाडीह प्रखंड की नावाडीह पंचायत के करीब 120 साल पुराना तालाब जलकुंभियों से पट गया है. राजा के जमाने में निर्मित इस सरकारी तालाब की वर्षों से सफाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है. नावाडीह की तीन हजार आबादी की यह तालाब लाइफलाइन है. लेकिन सरकारी अनदेखी से तालाब का अस्तित्व धीरे-धीरे मिटने लगा है. तालाब में गांव में शादी विवाह से लेकर भोक्ता पर्व, मानसा पूजा में बारी स्नान, दुर्गा पूजा व काली पूजा में मूर्ति विसर्जन के अलावा सैकड़ों ग्रामीण नहाते-धोते हैं. ग्रामीण इस तालाब के पानी का उपयोग सिंचाई में भी करते हैं. लेकिन तालाब का पानी दूषित होने के कारण ग्रामीणों ने इसका उपयोग एक साल से बंद कर दिया है.

1905 में पदमा राजा ने बनवाया था तालाब

नावाडीह गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि वर्ष 1910 में ग्रामीण किसानों ने गांव पानी की समस्या को लेकर पदमा राजा से गांव में तालाब बनाने की गुहार लगायी थी. इस पर राजा ने लगभग दो एकड़ जमीन पर तालाब का निर्माण कराया था. तालाब से महतो समाज के लोग सिंचाई करते थे. गांव के महतो, कान्दू, वर्णवाल, बंगाली, धोबी, ठाकुर, तैली एवं रविदास समाज के लोग तालाब के पानी का उपयोग करते हैं. करीब 20 साल से तालाब की मरम्मत और सफाई नहीं होने से पूरा तालाब जलकुंभियों से घिर गया है.

ग्रामीण ने कहा – विभाग अविलंब कराये सफाई

जानकी महतो : नावाडीह सरकारी तालाब का उपयोग तीन हजार लोग करते थे, लेकिन जलकुंभियों से भरने के कारण तालाब का पानी दूषित हो गया है. इससे ग्रामीणों को नहाने-धोने के लिए एक किमी दूर जोरिया जाना पड़ता है. संबंधित विभाग अविलंब तालाब की सफाई कराये.

पोखलाल महतो : यह तालाब नावाडीह के ग्रामीणों की लाइफलाइन थी. शादी-विवाह, पूजा पाठ के अलावा तालाब में ग्रामीण मूर्ति विसर्जन करते हैं. इस तालाब का बड़ा महत्व है. लेकिन जलकुंभियों से भर जाने के कारण तालाब का पानी गंदा हो गया है. तालाब में नहाने शरीर में खुजली होने लगती है.

गौरीशंकर महतो : तालाब में गांव के 50 युवक मछली पालन करते थे. मत्स्य विभाग ने तालाब को एक एनजीओ को दे दिया, जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया, तो विभाग ने तालाब को लीज पर दे दिया. सरकारी अनदेखी से यह ऐतिहासिक तालाब बर्बाद के कगार पर है.

मीलू महतो : तालाब के जीर्णोद्धार को लेकर कई बार स्थानीय मुखिया से शिकायत की गयी, लेकिन फंड के अभाव में तालाब का जीर्णोद्धार नहीं हो पा रहा है. इससे ग्रामीणों में विभाग के प्रति आक्रोश है. ग्रामीणों ने डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो से गुहार लगायी है.

तालाब का निरीक्षण कर जीर्णोद्धार का प्रयास करेंगे : बीडीओ

इस संबंध में नावाडीह बीडीओ प्रशांत कुमार हेंब्रम ने पूछे जाने पर बताया कि नावाडीह सरकारी तालाब जलकुंभियों से भरने व पानी दूषित होने की जानकारी नहीं है. जल्द तालाब का निरीक्षण कर इसके जीर्णोद्धार की दिशा में पहल की जायेगी.

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