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बीएसएल के पांच स्कूलों को आज से संचालित करेगा डीएवी

बीएसएल के स्कूलों की लौटेगी रौनक, बच्चों को मिलेगी उच्च क्वालिटी शिक्षा

सुनील तिवारी, बोकारो.

बोकारो शहर में बीएसएल की ओर से संचालित पांच स्कूलों की रौनक एक जुलाई यानी सोमवार से वापस लौटेगी. नयी व्यवस्था के तहत बीएसएल संचालित स्कूलों का नाम अब ‘डीएवी-इस्पात विद्यालय’ होगा. स्कूल सेक्टर 2C, सेक्टर 8B, सेक्टर 11D, सेक्टर 9E और सेक्टर 12E में खुलेंगे. सेल-बीएसएल व दयानंद एंग्लो-वैदिक कॉलेज ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसाइटी के बीच स्कूल संचालन को ले ‘एमओयू’ कुछ माह पहले हुआ था. शहर में बीएसएल स्कूलों के बेहतरी को लेकर उठाया गया यह ऐतहासिक कदम सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (मानव संसाधन एवं अतिरिक्त प्रभार-संकार्य) राजन प्रसाद के नायाब सोच का नतीजा है. अब यह सोच धरातल पर उतर रही है, जिससे बच्चे व अभिभावक लाभान्वित होंगे.

डीएवी-इस्पात विद्यालय : क्वालिटी बेहतरीन, फीस कम :

‘डीएवी-इस्पात विद्यालय’ शहर में अन्य बड़े स्कूलों की तरह इंग्लिश मीडियम होंगे और इनमें सीबीएसइ माध्यम से पढ़ाई होगी. नयी व्यवस्था में जहां बच्चों को उच्च क्वालिटी शिक्षा दी जायेगी, वहीं अन्य निजी स्कूलों की तुलना में फीस काफ़ी कम होगी. स्कूलों के परिचालन का वित्तीय भार पूर्णतः बीएसएल द्वारा वहन किया जाएगा, जबकि इसके संचालन की जिम्मेवारी डीएवी की रहेगी. स्कूलों में नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. एक जुलाई से पठन-पाठन शुरू हो जायेगा. सभी स्कूलों की मरम्मती, रंगाई-पुताई और नवीकरण का कार्य किया गया है. इससे स्कूल नये लुक में नजर आ रहे हैं.

रोजगार के अवसर खुले : शिक्षकों-स्टाफ की हुई बहाली : ‘

डीएवी-इस्पात विद्यालय’ में जहां एक ओर शहर के बच्चे कम फीस में क्वालिटी एजुकेशन प्राप्त कर सकेंगे. वहीं दूसरी ओर, यह स्कूल शहर में रोजगार के नये और बेहतरीन अवसर भी लेकर आया है. स्कूलों में नर्सरी से लेकर क्लास 12 तक की शिक्षा दी जायेगी. इसके लिए सीबीएसइ मापदंड के अनुसार करीब 120 शिक्षक सहित 200 स्टाफ की भर्ती पहले चरण में होनी है. स्कूलों में कार्यरत लोगों का वेतन शहर के दूसरे प्राइवेट स्कूलों से काफी बेहतर होगा. इन स्कूलों के संचालन में सेल-बीएसएल का हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च होगा. सेल-बीएसएल के टॉप अधिकारियों की यह सोच है कि स्कूल पढ़ाई के साथ-साथ हर मामले में राज्य का बेहतरीन शैक्षणिक संस्थान बने. इन स्कूलों की आउटसोर्सिंग के लिए टेंडर जारी किया गया था. इसमें शहर के कई स्कूल शामिल हुये थे. यह प्रक्रिया कुछ माह पहले हुई थी.

नवीनतम पाठ्यक्रम और शिक्षा नीति के अनुरूप होगी पढ़ाई :

बीएसएल संचालित स्कूलों की आउटसोर्सिंग के लिए टेंडर के बाद उचित सभी बोलीदाताओं के बीच डीएवी का चयन किया गया. बीएसएल के सीबीएसइ बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के दैनिक कामकाज को डीएवी समूह को आउटसोर्स करने का निर्णय लिया गया. इसके तहत, बीएसएल व डीएवी दोनों के सदस्यों और बीएसएल के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता वाली एक केंद्रीय सलाहकार समिति स्कूलों के कामकाज की निगरानी करेगी. स्कूल के दैनिक प्रबंधन को डीएवी नियंत्रित करेगा. बोकारो स्टील सिटी और इसके आस-पास के क्षेत्रों के वंचित वर्गों के बच्चों को नवीनतम पाठ्यक्रम और शिक्षा नीति के अनुरूप आधुनिक शैक्षणिक पद्धतियों की भी उपलब्धता होगी.

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के उद्देश्य से बीएसएल के हुआ करते थे 42 स्कूल :

बीएसएल की ओर से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू में 42 स्कूल स्थापित किये गये थे. उस समय शहर में प्राइवेट स्कूल नहीं थे. जैसे-जैसे बीएसएल कर्मचारियों और उनके बच्चों की संख्या में धीरे-धीरे गिरावट आयी, कई स्कूलों का विलय कर दिया गया और स्कूलों की वर्तमान संख्या घटकर नौ रह गयी है,जिसमें लगभग 3300 बच्चे नामांकित हैं. इनमें से 08 सीबीएसइ से संबद्ध हैं और एक झारखंड एकेडमिक काउंसिल से संबद्ध है. बीएसएल में पूर्व में कार्यरत अधिकांश शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं और शेष भी सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं. बीएसएल स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार कम हो रही थी.

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Prabhat Khabar News Desk
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