सुनील तिवारी, बोकारो, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के अनुसार झारखंड में माॅनसून जून के पहले हफ्ते में प्रवेश करेगा. इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद है. इसको देखते हुए पशु-पक्षियाें को झमाझम बारिश से बचाने के लिए जैविक उद्यान बोकारो में तरह-तरह के जतन किये जा रहे है. जैविक उद्यान में बरसात की तैयारी अंतिम चरण में है. उद्यान प्रबंधन बारिश से निपटने के लिए कई उपाय कर रहा है. प्रबंधन जल निकासी की व्यवस्था, पेड़-पौधों की सुरक्षा और उद्यान के सभी क्षेत्रों को जलभराव से बचाना आदि के कार्य को अंतिम रूप दे रहा है. जल निकासी की व्यवस्था के तहत उद्यान में पानी के बहाव के लिए रास्ते बनाये गये हैं, ताकि जलभराव से बचा जा सके. उद्यान के नालियों के साफ-सफाई का काम अंतिम चरण में है. उद्यान में पेड़-पौधों को बारिश से बचाने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं, जैसे कि उन्हें छायादार जगह पर रखना या मजबूत छतरियों से ढकना आदि.
उद्यान के सभी क्षेत्रों को जलभराव से बचाना प्रबंधन की प्राथमिकता
प्रबंधन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहा है कि उद्यान के सभी क्षेत्रों में पानी जमा न हो और जलभराव की स्थिति न बने. ताकि कितनी भी बारिश हो जाये, उद्यान के पशु-पक्षियों को जलभराव से किसी तरह की कोई परेशानी न हो. उद्यान के सभी पशु-पक्षियों के बाड़े में नाली की सफाई के साथ-साथ पूरे बाड़े को साफ किया जा रहा है, ताकि बरसात के बाद किसी तरह के संक्रमण के लपेटे में उद्यान के पशु-पक्षी न आ पायें.बिजली, सुरक्षा व स्वच्छता के साथ खाना-पीना पर भी फोकस
जैविक उद्यान प्रबंधन ने बिजली की व्यवस्था, जानवरों की सुरक्षा और स्वच्छता को भी ध्यान में रखा है. इसके अलावा बरसात में जानवरों के खाना-पीना पर भी खास फोकस रहेगा. उल्लेखनीय है कि 127 एकड़ में फैले जैविक उद्यान में 250 से अधिक वन्यप्राणी हैं. इनमें लगभग 130 तरह के जानवर व 140 तरह के पक्षी शामिल हैं. जैविक उद्यान का संचालन बोकारो स्टील के द्वारा किया जाता है. इस्पातकर्मियों के मनोरंजन के लिए प्रबंधन ने 1989 में जवाहर नेहरू बायोलॉजिकल पार्क की स्थापना की थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है