धर्मनाथ कुमार, बोकारो, माराफारी क्षेत्र के बीएसएल झोपड़ी कॉलोनी में शनिवार को ‘प्रभात खबर आपके द्वार’ का आयोजन किया गया. इसमें कॉलोनी व आसपास के दर्जनों प्रबुद्ध लोगों ने भाग लिया. इस दौरान जहां लोगों ने पुराने दिनों में सुविधाओं से लैस कॉलोनी को याद किया, वहीं वर्तमान समस्याओं पर भी खुल कर चर्चा की. राधा देवी, बैजंती देवी, दुलारी देवी, सुनीता देवी, सोनी देवी, इंदु देवी, खुशबू देवी, धंनजय चौबे, द्वारा मुन्ना सिंह, रामाधार यादव, डॉ अशोक, पप्पू सिंह, कामेश्वर सिंह, बैधनाथ प्रसाद, कृष्णा कुमार शर्मा, प्रीतम कुमार पासवान, चंदन ठाकुर, कुंदन कुमार ने कहा कि यहां के लोग 1968 से बोकारो को अपना योगदान दे रहे हैं. तब संसाधन कम थे, पर सुविधाएं ज्यादा थीं. अब संसाधन बढ़ गये हैं, पर अब इस कॉलोनी में परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. नागरिक सुविधाओं की घोर कमी हो गयी है. बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. जीना दूभर हो गया है.
स्वच्छ भारत अभियान का असर नहीं, चारों ओर लगा है गंदगी का अंबार
स्थानीय लोगों ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में यह क्षेत्र पूरी तरह से फिसड्डी है. कचरे का अंबार हर ओर लगा हुआ है. इसकी वजह से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया. कॉलोनी में कचरा उठाव नहीं होने के कारण डायरिया जैसी गंभीर बीमारी का प्रकोप बना रहता है. वहीं नालियों के जाम रहने की वजह से पानी घरों के अंदर प्रवेश कर जाता है. जल्द कोई उपाय नहीं हुआ, तो बहुत परेशानी होगी.पेयजलापूर्ति की उचित सुविधा नहीं, पानी के लिए भटकते हैं लोग
यहां घनी आबादी होने के बावजूद पेयजलापूर्ति की कोई उचित सुविधा उपलब्ध नहीं है. ‘हर घर जल नल’ योजना से भी यह वंचित है. गर्मी आने के बाद कई चापाकल से पानी निकलना बंद हो गया है. कुछ समर्थ वर्ग के लोग बोरिंग के माध्यम से पानी की सुविधा ले रहे है. लेकिन मजदूर वर्ग लोग पीने के पानी के लिए सुबह से रात तक भटकते रहते है.कई स्थानों पर पक्की सड़क नहीं, मांग पर नहीं हुई कोई ठोस पहल
कॉलोनी की कई सड़क जर्जर हो चुकी है. वहीं, कई स्थानों पर पक्की सड़क नहीं है. बरसात में कच्ची पगडंडी कीचड़ से भर जाती है, जिससे कॉलोनी के लोगों, खासकर स्कूली बच्चों और बीमार व्यक्तियों को आने-जाने में भारी परेशानी होती है. कॉलोनी ने कई बार सड़क निर्माण की मांग उठाई, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई.समय से नहीं खुलता है स्वास्थ्य केंद्र, कई आवश्यक दवाएं भी नहीं
कॉलोनी में मरीजों की सुविधा के लिए 30 जनवरी 2015 में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया. इसके बाद भी यहां के लोग स्वास्थ्य सुविधा से वंचित है. स्वास्थ्य केंद्र का खुलने का समय सुबह नौ बजे से अपराह्न तीन बजे तक है, लेकिन केंद्र समय पर नहीं खुलने से मरीज लौट जाते हैं. यहां पर कई आवश्यक दवाएं भी नहीं हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है