बोकारो, बोकारो जनरल अस्पताल के डीएनबी गर्ल्स हॉस्टल में सीलिंग फैन के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाली 30 वर्षीया डॉ आर्या झा पीजी में मनपंसद विभाग नहीं मिलने से विचलित थी. व्यथित आर्या ने रविवार की देर रात आत्महत्या कर ली. वह समस्तीपुर की रहनेवाली थी. सोमवार को डॉ आर्या के पिता संजीव कुमार झा बोकारो पहुंचे. श्री झा ने बताया कि डॉ आर्या ने बताया था कि गायनी ब्रांच में पढ़ाई में मेरा मन नहीं लग रहा. इएनटी से पीजी करना चाहती थी. मन मुताबिक कोर्स नहीं मिलने को लेकर परेशान थी. डिप्रेशन में चल रही थी. कोई अनहोनी ना हो जाये. इस आशंका को देखते हुए पुत्री को समझा कर उससे मिलने बोकारो आ रहा था. श्री झा ने बताया कि रविवार को समस्तीपुर से बोकारो के लिए ट्रेन में सफर कर रहा था. इसी दौरान रविवार की रात को लगभग 10 बजे बोकारो जनरल अस्पताल प्रबंधन द्वारा कॉल किया गया. बताया गया कि मेरी पुत्री डॉ आर्या हॉस्टल के कमरे में रस्सी के सहारे फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है. शव को बीजीएच के मर्चरी हाउस में रखवा दिया गया है. डिप्रेशन में डॉ आर्या ने आत्महत्या कर ली.
समस्तीपुर के विभूतिपुर अस्पताल में पोस्टेड थी डाॅ आर्या, आठ दिन पूर्व किया था रिजाइन
समस्तीपुर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गरुआरा वार्ड चार निवासी इंजीनियर संजीव कुमार झा उर्फ बब्लू झा के 30 वर्षीय पुत्री डाक्टर आर्या के सुसाइड ने परिवार को झकझोर दिया है. एक ऐसा परिवार, जो कभी खुशियों से भरा हुआ था, अब टूट चुका है. परिवार के लोग समझ नहीं पा रहे कि ऐसा क्या हुआ कि आर्या सुसाइड के लिए मजबूर हो गई. पीड़ित परिवार का कहना है कि यह घटना उनके लिए गहरी चोट बन गई है, जिसे भरना मुश्किल है. स्थानीय लोगों के अनुसार डाक्टर आर्या काफी सरल स्वभाव की महिला थी. वह बचपन से ही पढाई में मेघावी थी. करीब चार साल पूर्व मेडिकल की पढाई पूरी करने के बाद पटना के पीएमसीएच में सहायक चिकित्सक के पद पर ज्वाइन किया. इसके बाद पिछले दो साल से समस्तीपुर विभूतिपुर अस्पताल में चिकित्सक के पद पर पोस्टेड थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है