सीपी सिंह, बोकारो : सेक्टर 09 हटिया मोड़ से कुंडौरी की 8.19 किमी सड़क, एनएच 32 रेलवे फाटक से बंगाल सीमा वाया बनसीमली की 8.6 किमी सड़क व एनएच 32 काशीझरिया से केशरडीह भाया एफआइसी गोदाम की सड़क की किस्मत खुलने का नाम नहीं ले रही है.
सड़क की बदकिस्मती ही कही जाये कि इसकी मरम्मत के लिए बोकारो विधायक ने ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ मुंडा को पत्र लिखा. इतना ही नहीं बोकारो डीसी ने ग्रामीण विकास विभाग (ग्रामीण कार्य मामले) के सचिव के साथ पत्राचार किया. बावजूद इसके सड़क मरम्मत नहीं हो रही है. तीनों सड़कों से 25 से अधिक गांव के 60 हजार से अधिक लोग जुड़े हुए हैं.
कुंडौरी वाली सड़क से करमाटांड़, आगरडीह, जमुनियाटांड़, चैताटांड़, पीपराटांड़, महेशपुर, शिबूटांड़ व मोहनपुर गांव जुड़ा है. जबकि अन्य दोनों सड़क से झारखंड व बंगाल का सामाजिक तानाबाना जुड़ता है. सड़कों की स्थिति ऐसी है कि इस राह में स्पीड तो क्या धीमी गति से चलना भी दुभर है.
ग्रामीणों की माने तो छह साल पहले अलकतरा वाली चिपी साट कर मरम्मत की गयी थी, जो एक ही बरसात में टूट गयी. लोगों ने बताया : पिछले तीन साल से आश्वासन मिल रहा है कि सड़क बनेगी, सड़क चौड़ी होगी. लेकिन, कुछ नहीं हुआ.
फुसरो से बोकारो की दूरी होगी कम
सेक्टर 09 हटिया मोड़ से कुंडौरी की सड़क बन जाने से जिला के दोनों अनुमंडल के लोगों को फायदा होगा. बोकारो जिला मुख्यालय से बेरमो अनुमंडल के मुख्य बाजार फुसरो का आवागमन सुलभ होगा. वर्तमान की 35 किमी का सफर घट कर 22 किमी हो जायेगा.
इससे समय व ईंधन दोनों की बचत होगी. खास बात यह कि बोकारो विधायक ने सड़क के लिए 19 अप्रैल 2018 को डीसी ने 04 सितंबर 2018 को पत्र लिखा था. साल बीत जाने के बाद भी सड़क मरम्मत-निर्माण नहीं होना कई सवाल उठाता है.
10 करोड़ खर्च का अनुमान
ग्रामीण विकास विभाग (ग्रामीण कार्य मामले) के कार्यपालक अभियंता बीडी राम की माने तो तीनों सड़कों का डीपीआर बना कर मुख्यालय भेज दिया गया है. सेक्टर 09 हटिया मोड़-कुंडौरी सड़क में आगे की कार्रवाई वहीं से होनी है. जबकि अन्य दो सड़कों के लिए टेंडर एक सप्ताह के अंदर निकल सकता है. तीनों सड़क के मरम्मत व निर्माण में 10 करोड़ रुपया का खर्च आयेगा.
लोगों ने कहा
सड़क की स्थिति ऐसी है कि राह कम गड्ढा ज्यादा है. बारिश के समय पैदल चलना भी दुभर हो जाता है. आम लोगों की परेशानी पर सरकार कब ध्यान देगी, पता नहीं.
गोपाल पंडित, कूलिंग पौंड 02
सड़क से बेहतर इसके बगल में चलना होता है. कम से कम कमर को आराम मिलता है. अब तो आस भी छोड़ दिये हैं. सरकार सिर्फ भाषण में विकास दिखा रही है.
राजू महतो, महेशपुर
सड़क की उपयोगिता से शायद संबंधित विभाग अनभिज्ञ है, इसी कारण विलंब हो रहा है. आखिर 10 गांव को फायदा पहुंचाने वाली योजना पर सरकार मौन क्यों है!
राजेश्वर महतो, चैताटांड़
सड़क मरम्मत की बात पिछले तीन साल से गूंज रही है. लेकिन, धरातल पर काम कब होगा यह किसी को नहीं पता है. अब तो हर आश्वासन झूठा लगता है.
महेंद्र ठाकुर, सेक्टर 09
अब तो उम्मीद ही टूट रही है. अगर सही से जांच की जाये, तो हर मामला में खेल सामने आयेगा. विभाग की लेटलतीफी का दर्द आम आदमी को भोगना पड़ता है.
भरत महतो, कुंडौरी
