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निजी स्कूलों के आगे फीकी पड़ी बीएसएल के स्कूलों की चमक

बोकारो : जब बीएसएल कर्मियों की संख्या 50-55 हजार थी, तब बच्चों की संख्या 20-25 हजार थी. उस वक्त स्कूलों की संख्या 42 थी. अब कर्मियों की संख्या लगभग 12 हजार है. बच्चों की संख्या 6500 है. स्कूलों की संख्या 11 है. बात हो रही है बोकारो स्टील प्रबंधन की ओर से संचालित बीएसएल स्कूलों […]

बोकारो : जब बीएसएल कर्मियों की संख्या 50-55 हजार थी, तब बच्चों की संख्या 20-25 हजार थी. उस वक्त स्कूलों की संख्या 42 थी. अब कर्मियों की संख्या लगभग 12 हजार है. बच्चों की संख्या 6500 है. स्कूलों की संख्या 11 है. बात हो रही है बोकारो स्टील प्रबंधन की ओर से संचालित बीएसएल स्कूलों की. बीएसएल की ओर से संचालित 42 में से 31 स्कूल बंद हो चुके हैं. कारण, शिक्षकों की कमी व नये शिक्षकों की बहाली नहीं होना. परिणाम, बीएसएल के 11 स्कूलों में संचालित हो रहे हैं.

बीएसएल एलएच सहित विभिन्न सेक्टरों में बंद पड़े स्कूल खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं. स्कूल असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. सुबह से लेकर देर रात तक यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है.कई स्कूलों के खिड़की, दरवाजे सहित अन्य सामान की चोरी हो चुकी है. कई में चोरी जारी है. कुछ स्कूलों के दीवार में लगे ईंटों को भी चोर उठा ले जा रहे हैं. बंद पड़े स्कूल आवारा मवेशियों का डेरा बन चुका है. कई बंद स्कूलों के कमरे से बिजली बोर्ड व तार की चोरी जारी है.
कर्मियों के साथ बच्चों की संख्या भी हुई कम
बोकारो स्टील प्लांट के स्थापना काल में बच्चों को शिक्षा देने के उद्देश्य से प्रबंधन ने विभिन्न सेक्टरों में मिडिल व हाई स्कूल खोला. तब आज की तरह निजी स्कूलों की संख्या नहीं के बराबर थी. कालांतर में प्लांट में कर्मियों की संख्या कम होती चली गयी.
उधर, दूसरी ओ शहर में दो दर्जन से अधिक निजी विद्यालय खुल गये. इस कारण विभिन्न सेक्टरों में बीएसएल की ओर से संचालित विद्यालयों में बच्चों की संख्या कम होती चली गयी. एक-एक कर बीएसएल संचालित स्कूल बंद होते चले गये.
केस स्टडी 1
स्थान : बोकारो इस्पात विद्यालय सेक्टर दो डी – सीबीएसई. दिन : गुरुवार. समय : लगभग 12 बजे. बड़ा बाबू ने बताया : प्रिंसिपल साहब क्लास ले रहे हैं. कुछ देर बाद मुलाकात हो पायेगी. कुछ अभिभावक बाहर खड़े थे. अभिभावकों ने बताया कि स्कूल में शिक्षकों की समस्या है. क्लास वन व टू को एक साथ बैठा कर पढ़ाया जाता है.
केस स्टडी 2
स्थान : प्लस टू उच्च विद्यालय सेक्टर दो डी – जैक बोर्ड. दिन : गुरुवार. समय : लगभग 12.30 बजे. प्राचार्य ने बताया कि बच्चे कम है. स्कूल में बच्चे का नामांकन कम होता है. जिनका नामांकन होता भी है, वह नियमित रूप से स्कूल नहीं आते हैं. शिक्षकों की बहाली बहुत दिनों से नहीं हुई है. इस कारण कई तरह की समस्या है.
कई बार उठी व्यावसायिक उपयोग की बात
रख रखाव व मरम्मत के अभाव में बीएसएल के बंद पड़े स्कूलों की स्थिति जर्जर होती जा रही है. बंद पड़े स्कूलों को कई बार निजी संस्थानों को देने की बात हुई. सेल प्रबंधन की ओर से एक बार इसके लिए आवेदन भी मांगा गया था. लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.
प्रबंधन ने बंद पड़े विद्यालयों का व्यावसायिक उपयोग या कोई अन्य उपयोग नहीं किया, तो आने वाले दिनों में स्कूल खंडहर में तब्दील हो जायेगा. बंद पड़े स्कूलों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.
एक साथ बैठते हैं दो क्लास के बच्चे
बीएसएल की ओर से 10 सेक्टरों में संचालित 11 स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. बोकारो इस्पात विद्यालय दो डी में शिक्षकों की कमी के कारण कक्षा वन व टू के बच्चों को एक ही साथ पढ़ाया जाता है. कई स्कूलों में प्राचार्य तक क्लास लेते नजर आते हैं. लंबे अर्से से शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है.
इस कारण बीएसएल स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. नये शिक्षकों की बहाली नहीं होने से बच्चों की शिक्षा दीक्षा पर भी इसका असर पड़ रहा है. कई अभिभावक बीएसएल स्कूलों की पढ़ाई से संतुष्ट नहीं है.
विभिन्न सेक्टरों में बंद बीएसएल स्कूल
नाम स्कूल की संख्या
सेक्टर-01 03 (तीन)
सेक्टर-02 03 (तीन)
सेक्टर-03 02 (दो)
सेक्टर-04 02 (दो)
सेक्टर-06 04 (चार)
सेक्टर-08 06 (छह:)
सेक्टर-09 04 (चार)
सेक्टर-11 01 (एक)
सेक्टर-12 04 (चार)
एलएच 02 (दो)
फैक्ट फाइल
  • 42 स्कूलों का संचालन बोकारो स्टील प्रबंधन की ओर से शुरुआत में होता था
  • शिक्षकों की कमी व नये शिक्षकों की बहाली नहीं होने के कारण 31 स्कूल बंद
  • 11 स्कूल अभी विभिन्न सेक्टरों में बोकारो स्टील प्रबंधन की ओर से हैं संचालित
  • 09 बीएसएल स्कूल सीबीएसइ बोर्ड के तहत हैं संचालित
  • 02 बीएसएल स्कूल जैक बोर्ड के तहत हैं संचालित
  • 6500 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं बीएसएल संचालित स्कूलों में
  • 140 शिक्षक-शिक्षिका बीएसएल संचालित स्कूलों में कार्यरत
  • 02 स्कूल में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को दी जाती है शिक्षा
अभिभावकों के बीच निजी विद्यालय का क्रेज
बोकारो स्टील के कर्मचारी, तो कर्मचारी प्लांट के अंदर काम करने वाले ठेका मजदूर भी अब अपने बच्चे को निजी स्कूलों में ही पढ़ाने को प्राथमिकता देते हैं. शहर में निजी विद्यालय में बच्चों को पढ़ाना शान की बात समझी जाती है.
इसका असर भी बीएसएल के स्कूलों पर पड़ा है. लगभग दो वर्ष पूर्व बीएसएल संचालित स्कूलों में बच्चों की संख्या इतनी कम हो गयी थी कि दो-तीन स्कूलों के बच्चों को एक ही स्कूल में शामिल कर दिया गया था. दूसरी ओर शिक्षकों की कमी भी एक मुख्य कारण रहा.
सीएसआर के तहत दो विद्यालयों का संचालन
बीएसएल सीएसआर के तहत दो विद्यालयों का संचालन करता है. इनमें बोकारो स्टील कल्याण विद्यालय सेक्टर तीन व बोकारो स्टील बालिका विद्यालय सेक्टर नौ शामिल हैं. दोनों स्कूल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए है. यहां नि:शुल्क पढ़ाई होती है.
बीएसएल प्रबंधन की ओर से बंद पड़े स्कूलों का कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है. प्रबंधन के अनुसार, खाली पड़े स्कूल भवनों के उपयोग पर निर्णय सेल स्तर पर होना है. दूसरे प्लांट में भी कई स्कूल भवन खाली हैं.
विभिन्न सेक्टरों में संचालित बीएसएल स्कूल
सेक्टर स्कूल बोर्ड
सेक्टर 2 सी बीआइएसएसएस सीबीएसइ
सेक्टर 3 बीआइएसएसएस सीबीएसइ
सेक्टर 8 बी बीआइएसएसएस सीबीएसइ
सेक्टर नौ ई बीआइएसएसएस सीबीएसइ
सेक्टर 11 डी बीआइएसएसएस सीबीएसइ
सेक्टर 12 बीआइवी सीबीएसइ
सेक्टर दो डी बीआइवी सीबीएसइ
सेक्टर तीन बोकारो स्टील कल्याण विद्यालय (सीबीएसई)
सेक्टर नौ बोकारो स्टील बालिका विद्यालय (सीबीएसई)
सेक्टर दो डी प्लस टू उवि जैक बोर्ड
सेक्टर नौ ए प्लस टू उवि जैक बोर्ड

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