महुआटांड़ (बोकारो) : लुगु पहाड़ की गोद में बने श्यामली गेस्ट हाऊस व इसके पीछे स्थित संतालियों के महान धर्मस्थल लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में सोमवार की मध्य रात्रि बाद हाथियों ने हमला कर अच्छा-खासा नुकसान किया है. करीब 12 हाथियों के झुंड ने गेस्ट हाऊस की चाहरदीवारी को दो जगहों पर करीब बीस-बीस फुट तक गिरा दिया. अंदर प्रवेश कर खूब चहलकदमी की और कटहल आदि खाकर बाहर निकल गए. फिर घांटाबाड़ी मंदिर के पास तुलसी पिंडा को तोड़ दिया और वापस पहाड़ी की ओर कूच करते समय धोरोमगाढ़ परिसर में बने सामुदायिक भवन की खिड़कियां ग्रिल सहित तोड़ डाली. दरवाजों को भी बैंड कर दिया.
वहीं, हाथियों के हमले और गर्जना से गेस्ट हाउस में उपस्थित अफसर और कर्मी दहशत व्याप्त हो गया. सूचना मिलने पर मंगलवार की प्रातः ललपनिया ओपी के प्रभारी धुमा किस्कू, वन विभाग के कर्मी व धोरोमगाढ़ समिति के अध्यक्ष सह मुखिया बबुली सोरेन, सचिव लोबिन हेंब्रम, उपसचिव मिथिलेश किस्कू, मंझला मांझी आदि ने नुकसान का जायजा लिया. वन प्रक्षेत्र तेनुघाट के रेंजर को सूचना दी गयी. टीटीपीएस के अधिकारियों ने भी गेस्ट हाऊस में नुकसान का आकलन किया.
धोरोमगाढ़ समिति के लोगों ने कहा कि गेस्ट हाऊस में लगी मास्कलाइट नहीं जल रही थी, जिसके कारण पहली बार हाथियों ने यहां दस्तक दी है. विदित हो कि लुगु पहाड़ी जंगल में पिछले कई वर्षों से हाथियों का एक झुंड निवास कर रहा है. रह-रह कर झुंड का हमला तलहटी गांवों को झेलना पड़ता है. टीटीपीएस के आवासीय परिसर ई-टाइप से महज सवा किमी दूर स्थित तिलैया गांव सर्वाधिक प्रभावित है. बता दें कि वन विभाग यह मान चुका है कि उक्त हाथी झुंड को अब लुगु से नहीं खदेड़ा जा सकता है.
लुगु को एलिफेंट सेंचुरी बनाने के बाबत एक प्रस्ताव भी विभाग की ओर से भेजा गया है, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई होता अभी तक तो नहीं दिख रहा है.