श्री पांडेय ने ओएनजीसी के देश के विकास में किये गये योगदान को बताया. श्री पांडेय ने वर्तमान परिवेश में ऊर्जा क्षेत्र में हो रहे प्रतिस्पर्धा के लिए युवा अधिकारियों से ये आह्वान किया कि उन्हें तेल और प्राकृतिक गैस के दोहन के लिए नयी तकनीक विकसित करने में अपना योगदान देना चाहिए, जिससे दोहन पर होने वाला खर्च कम किया जा सके.
श्री पांडेय ने युवा अधिकारियों को ओएनजीसी के भविष्य का कर्णधार बताया. अपेक्षा की कि वह अपना कार्य लगन से करेंगे. ओएनजीसी के लिए कार्य करते हुए जो कर्मचारी शहीद हुए उनको याद करने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. विनोद कुमार चौधरी, अजय कुमार सिंह, कश्मीर सिंह रंधावा, स्वपन कुमार पॉल, मधुकर मोहन, आलोक दास के साथ ओएनजीसी के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे.