जमशेदपुर : जमशेदपुर के सोनारी स्थित गौतम नौलखा अपार्टमेंट में शुक्रवार की सुबह गुदड़ी थाना (चाईबासा) के निलंबित थानेदार मनोज गुप्ता ने पत्नी पूनम गुप्ता समेत मीठापुर (पटना) निवासी मुंहबोला साला चंदन कुमार और उसकी मां सीमा देवी को गोली मार दी. सीमा देवी की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. जबकि, चंदन कुमार के पेट में गोली लगी है. पत्नी के पेट व जांघ में गोली लगी है. दोनों की स्थिति गंभीर है. उनका टीएमएच में इलाज चल रहा है.
पूनम गुप्ता ने 2018 में सोनारी थाना में पति के खिलाफ मारपीट व प्रताड़ना का केस दर्ज कराया था. इसे लेकर 22 जुलाई को चाईबासा एसपी ने उसे निलंबित कर दिया था. उसकी गिरफ्तारी का वारंट निकला था. इसी केस में समझौते को लेकर मनोज ने पत्नी, चंदन व सीमा देवी को पटना से जमशेदपुर बुलाया था. सुबह 8.10 बजे तीनों घर पहुंचे. मनोज फ्लैट से उतर कर उन्हें लेने आया.
सभी लिफ्ट से फ्लैट में घुसे. सुबह 8.23 बजे उसने तीनों को गोली मार दी और 8.25 बजे फरार हो गया. सूचना पर सोनारी थाना की पुलिस पहुंची. पुलिस ने तीनों को टीएमएच पहुंचाया. यहां डॉक्टरों ने सीमा देवी को मृत घोषित कर दिया. सूचना मिलते ही एसएसपी अनूप बिरथरे, सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट समेत कई थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंची. पुलिस मनोज की तलाश कर रही है. फ्लैट के सीसीटीवी फुटेज में हाफ पैंट व टी-शर्ट में भागते हुए मनोज की तस्वीर कैद हुई है.
बेटे को न मार दे, इसलिए पुलिस पहुंची स्कूल
मनोज द्वारा घटना को अंजाम देने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची. मनोज की बेटियों ने पुलिस को बताया कि छोटा भाई मोहित स्कूल गया है. पुलिस तत्काल बिष्टुपुर डीएवी स्कूल पहुंची और मोहित को अपनी सुरक्षा में ले लिया. पुलिस फोर्स देख स्कूल प्रबंधन भी हतप्रभ था. पुलिस को अंदेशा था कि मनोज कहीं बेटे के साथ कोई अप्रिय हरकत न कर दे.
बेटी के सामने ही तीनों को मारी गोली
फ्लैट में पहुंचने के थोड़ी देर बाद मनोज ने अपनी बेटी नेहा व सास के सामने ही पत्नी, चंदन व उसकी मां को गोली मार दी. वारदात को अंजाम देने के बाद पिस्तौल लेकर अपार्टमेंट की सीढ़ी से उतर कर फरार हो गया. भागने के क्रम में उसने दरवाजा बाहर से बंद करने का प्रयास किया. बेटी ने पकड़ने का भी प्रयास किया. वह कागलनगर पेट्रोल पंप तक पैदल ही भागा.
कुछ दूर पैदल गया, फिर बोलेरो से भाग निकला
पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया. सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की. फुटेज में मनोज आते-जाते दिख रहा है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कुछ दूरी तक जाने के बाद वह बोलेराे से फरार हो गया. पुलिस ने तत्काल उसके मोबाइल का लोकेशन ट्रेस किया, तो वह सोनारी गुरुद्वारा के आसपास और कदमा में मिला. लेकिन पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम रही.
पिस्टल लेकर निकला था थाने से
सोनारी थाना में दर्ज मामले में मनोज के खिलाफ कोर्ट से वारंट निर्गत हुआ था. 22 जुलाई को चाईबासा एसपी इंद्रजीत महथा ने उसे निलंबित कर उसकी गिरफ्तारी का आदेश दिया था. लेकिन मनोज 19 जुलाई को ही गुदड़ी थाना में सीक लीव का आवेदन देकर बिना किसी को बताये थाना से पिस्टल लेकर चला गया था.
सरायकेला में पोस्टिंग के दौरान मनोज पर महिला को तंग करने का आरोप लगा था. इस मामले में भी उसे लाइन क्लोज किया गया था. वह पूर्व में सोनारी, कदमा समेत जमशेदपुर शहर के कई थानाें में रह चुका है. इसके अलावा सरायकेला में भी रहा था.
प्लानिंग कर घटना को दिया अंजाम
मनोज ने जिस तरह से घटना को अंजाम दिया है. उससे साफ जाहिर होता कि हत्या करने से पूर्व उसने पूरी प्लानिंग की थी. वह सुबह हाफ पैंट और टी-शर्ट में आया, लेकिन उसके पास सर्विस पिस्टल थी.
उसने तय कर रखा था कि चंदन, उसकी मां और पूनम (पत्नी) की हत्या कर देनी है. उसने अपनी बेटी व सास कैलाश देवी को कुछ नहीं किया, जो वहीं पर मौजूद थीं. मनोज को जानने वाले बता रहे हैं कि चंदन को कुछ वर्ष पूर्व मनोज ही काम के लिए शहर लेकर आया था. वह मनोज के घर में ही रहता था.
घटना की कहानी बेटियों की जुबानी
मनोज गुप्ता की बेटी प्रिया व नेहा ने बताया कि उसके पापा मम्मी के साथ मारपीट करते थे. भाई को भी मारते थे. उन्होंने ही मम्मी को फोन कर पटना से समझौते के लिए बुलाया था. मम्मी, मामा चंदन कुमार और उनकी मां शुक्रवार की सुबह घर पहुंचे थे. मम्मी बाथरूम में ब्रश करने चली गयी. इसी बीच पापा हाथ में पिस्तौल लेकर कमरे से निकले. पापा अक्सर पिस्तौल का भय दिखा मम्मी को जान से मारने की धमकी देते थे.
सोचा, इस बार भी डरा रहे होंगे. लेकिन अचानक बारी-बारी से तीनों को गोली मार दी. गोली मारने के बाद वे भागने लगे और दरवाजा बाहर से बंद करने का प्रयास किया. लेकिन दरवाजा बंद नहीं हुआ, जिसके बाद मैं पापा को पकड़ने के लिए बाहर तक उनके पीछे दौड़ी, लेकिन वे भाग गये.
मम्मी ने सोनारी थाना में पापा के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. इसी का नतीजा है कि यह घटना घटी. पापा पढ़ाई के लिए भी पैसे नहीं देते थे. वह दिल्ली में पढ़ाई करती थी. छोटी बहन नेहा का भी दिल्ली के कॉलेज में नामांकन कराने ले गयी थी.
दो दिन पूर्व ही वे लोग दिल्ली से लौटे थे. पापा घर में ही अजय पांडेय के साथ शराब पीते थे. भाई मोहित राज से भी गाली-गलौज व मारपीट करते थे. पापा की हरकत से तंग आकर देर रात भाई और नानी एन रोड (सोनारी) में रहने वाली मौसी के घर चली गयी थी. पापा की हरकत की वजह से सभी परेशान थे. उनकी हरकत की वजह से ही मम्मी मीठापुर (पटना) में रह रही थी.