नाबालिग को गांव से ले जाने के आरोप लगने पर कुचीबेड़ा के युवक ने की आत्महत्या
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मां-बाप व दादा के देहांत से अनाथ हुई विक्षिप्त के घर रात में घुसते थे बदमाश
नाबालिग को गांव से ले जाने के आरोप लगने पर कुचीबेड़ा के युवक ने की आत्महत्या जगन्नाथपुर थाना प्रभारी ने मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग को भिजवाया चाइल्ड लाइन जगन्नाथपुर : मानसिक रूप से कमजोर रेंगाडबेड़ा गांव की नाबालिग (13) भटकती हुई बीते दिनों जगन्नाथपुर के जुगीनंदा गांव पहुंच गयी थी. उक्त बच्ची का गांव […]
जगन्नाथपुर थाना प्रभारी ने मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग को भिजवाया चाइल्ड लाइन
जगन्नाथपुर : मानसिक रूप से कमजोर रेंगाडबेड़ा गांव की नाबालिग (13) भटकती हुई बीते दिनों जगन्नाथपुर के जुगीनंदा गांव पहुंच गयी थी. उक्त बच्ची का गांव नोवामुंडी में पड़ता है. पांच दिन पहले वह कुचीबेड़ा निवासी बड़कुंवर सुरेन के साथ निकली थी. श्री सुरेन जन वितरण प्रणाली दुकान से राशन उठाने के लिए रेंगाड़बेड़ा आये थे. इस बीच गांव के मुंडा और नाबालिग के परिजन बड़कुंवर के पास पहुंचे.
बच्ची को बरामद कर गांव लाने का दबाव दिया. इसके लिए 3 दिनों का समय दिया था.
इस दौरान बडकुंवर ने भयभीत होकर आत्महत्या कर ली. दूसरी ओर मानसिक रूप से कमजोर बच्ची भटकती हुई जुंगीनंदा गांव पहुंची. यहां के समाजसेवी रवींद्र चातर ने बच्ची को अपने घर में आश्रय दिया. इसकी सूचना थानेदारमधुसूदन मोदक को दी. थाना प्रभारी बच्ची को जगन्नाथपुर थाना ले आये. यहां से चाइल्ड चाईबासा भेज दिया. ज्ञात हो कि नाबालिग का गांव में कोई रिश्तेदार नहीं है. करीब 12 साल पहले उसकी का देहांत हो गया. सात साल बाद पिता की बीमारी से मौत हो गयी.
वह बुजुर्ग दादा के साथ 7 साल तक रही. दादा की मौत डेढ़ साल पहले हो गयी. अब वह बिल्कुल अकेली रहने लगी. कुछ दिन तक तो गांव से एक किलोमीटर दूर स्थित टोपासाई के उसके सगे संबंधी प्रतिदिन खाना लाकर देते थे. बाद में विक्षिप्त बच्ची समझकर उन्हें खाना देना भी बंद कर दिया. ग्रामीणों के अनुसार, रात में बदमाश लड़के उसके घर घुसने लगे थे.
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