पाकुड़: झारखंड सरकार की कार्यशैली में फैली अराजकता के कारण प्रदेश की हालत चरमरा गयी है. व्यवस्था अनियंत्रित है, पदाधिकारी बेलगाम हैं. न तो अधिकारी और न ही शासन चलानेवाले लोग किसी की सुन रहे हैं.
यह बात सोमवार को भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा ने कही. पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बाप जहां प्रत्यक्ष रूप से तो बेटा अप्रत्यक्ष रूप से ऊर्जा विभाग को संचालित कर रहा है. उन्होंने कहा कि अच्छे पदाधिकारियों को डंप करने का काम किया जा रहा है. राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा गवर्नर को आरोप पत्र सौंपेगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव तस्करी की इंटरपोल से जांच करायी जानी चाहिए ताकि इसमें शामिल माफियाओं का पर्दाफाश हो.
सिंचाई योजनाओं के प्रति उदासीन है सरकार
अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार सिंचाई योजनाओं के प्रति पूर्णत उदासीन है. सरकार 12 वीं पंचवर्षीय योजना के लिए प्रस्तावित सिंचाई योजना की राशि भी खर्च नहीं कर पा रही है. प्रस्तावित राशि 13147.64 करोड़ के विरुद्ध 2013-14 में 1860 करोड़ तथा 2014-15 में मात्र 1900 करोड़ का ही व्यय हो पाया.