Bihar Development News: बिहार में गांव की गलियों से लेकर खेत-खलिहानों को राज्य के प्रमुख शहरों से जोड़ने वाली सड़कें विकास की नई दिशा तय कर रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशानुसार लागू बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 का उद्देश्य केवल सड़कें बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें लंबे समय तक दुरुस्त बनाए रखना भी है. इस नीति के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों की कुल 16,171 सड़कों (लंबाई 40,259.355 किलोमीटर) की मरम्मति और रख-रखाव का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. अब तक 15,169 सड़कों की मरम्मति का काम पूरा हो चुका है, जिसकी कुल लंबाई 36,894.565 किलोमीटर है.
ग्रामीण जीवन में बदलाव
इन सड़कों से गांव के लोगों को बाजार, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज और रोजगार तक पहुंचने का आसान रास्ता मिला है. किसान अब अपने प्रोडक्ट को नए-नए बाजार तक पहुंचा पा रहे हैं, जबकि बच्चे साइकिल से आसानी से स्कूल जा रहे हैं. पहले जहां बीमारों को खाट पर लिटाकर कच्चे रास्तों से अस्पताल तक ले जाना पड़ता था, अब यह काम सुरक्षित और आसान हो गया है. इसके अलावा बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत सामग्री गांवों तक आसानी से पहुंचाई जा सकती है.
हर मौसम में सुगम यात्रा
राज्य की ग्रामीण सड़कों और पुलों का नियमित रख-रखाव सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि लोग सालों भर हर मौसम में इनका उपयोग कर सकें. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जीवनस्तर में लगातार सुधार हुआ है. सड़कें किसानों के लिए फसल पहुंचाने, छात्रों के लिए शिक्षा तक पहुंचने और स्वास्थ्य सुविधाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित कर रही हैं.
जिलों में मरम्मति की स्थिति
अनुरक्षण के मामले में पूर्वी चंपारण जिला सबसे आगे है. यहां चयनित 957 सड़कों में से 909 सड़कों की मरम्मति पूरी हो चुकी है, जिसकी कुल लंबाई 2,389.245 किलोमीटर है. दूसरे स्थान पर मुजफ्फरपुर है, जहां 718 सड़कों में से 664 की मरम्मति हो चुकी है. यहां कुल 1,861.527 किलोमीटर का लक्ष्य था, जिनमें 1,703.797 किमी का काम पूरा हुआ है.
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तीसरे स्थान पर पश्चिम चंपारण है, जहां कुल 617 सड़कों का कायाकल्प लक्ष्य था (लंबाई 2,091.32 किमी), और अब तक 598 सड़कों (1,996.312 किमी) का काम पूरा हो चुका है. इसके अलावा सारण में 1,589.385 किमी, समस्तीपुर में 1,405.385 किमी, गया में 1,382.063 किमी और वैशाली में 1,359.22 किमी सड़कों का कायाकल्प किया गया है.
विकास का प्रभाव
गांव की सड़कों की मरम्मति से बिहार के गांवों में जीवनस्तर में सुधार हुआ है. सड़कें न केवल लोगों को गंतव्य तक पहुंचाने का साधन हैं, बल्कि रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन के लिए भी महत्वपूर्ण साधन बन गई हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीति ने ग्रामीण इलाकों को शहरों से जोड़ने और विकास की नई राह खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. बिहार में ग्रामीण सड़कों का कायाकल्प यह दर्शाता है कि अच्छी सड़कों का निर्माण और रख-रखाव ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास में कितनी अहम भूमिका निभा सकता है.

