लालगंज नगर : प्रखंड क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था काफी लचर स्थिति में है. क्षेत्र के लोगों को 24 घंटे में बमुश्किल चार से पांच घंटे ही बिजली मिल पाती है. उसमें भी अगर हल्की सी भी आंधी आयी, तो दो-चार दिनों के लिए बिजली गायब ही हो जाती है. हालांकि बिल भेजने में विभाग जरा सा भी कंजूसी नहीं करता. विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को भारी-भरकम बिल भेज दिया जाता है. इसमें सुधार के लिए उपभोक्ता कार्यालय परिक्रमा करते-करते थक जाते हैं,
परंतु सुधार नहीं हो पाता है. ग्रामीणों का कहना है कि कनीय अभियंता, सहायक अभियंता से कार्यालय में मुलाकात नहीं हो पाती है और न ही फोन पर ही बात हो पाती है. अनियमित विद्युत आपूर्ति व गलत बिजली बिल क्षेत्र के लिए कोई नयी समस्या नहीं है, लेकिन विभाग इस समस्या के निराकरण के प्रति गंभीर नहीं है. विशेष कर गरमी व बरसात के मौसम में प्रति वर्ष यहां बिजली की समस्या बनी रहती है. हल्की आंधी-पानी आने पर कभी तार, तो कभी पोल टूट कर गिरते रहते हैं. क्षेत्र के अधिकतर तार व पोल जर्जर स्थिति में हैं, जिसे बदला नहीं जा रहा है. हालांकि कई बार छोटी-बड़ी घटनाएं भी हो चुकी हैं, परंतु इसे दुरुस्त करने के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया. वहीं, विभाग मिस्त्री की कमी से भी जूझ रहा है और इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. अनियमित बिजली आपूर्ति से किसानों की फसल मारी जा रही है, तो बच्चों की पढ़ाई चौपट हो रही है. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना में बिजली पर विशेष फोकस कर अपनी संवेदनशीलता दिखायी है, परंतु विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. इससे क्षेत्र में आक्रोश गहराता जा रहा है, जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है.