– नशा मुक्ति दिवस पर सदर अस्पताल परिसर में जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन – नुक्कड़ नाटक के माध्यम से एएनएम की छात्राओं ने लोगों को किया जागरूक सुपौल. नशा मुक्ति दिवस पर बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें एएनएम प्रशिक्षण केंद्र की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक मुख्य आकर्षण रहा. अस्पताल के ओपीडी परिसर में बड़ी संख्या में मौजूद मरीज, उनके परिजन और अस्पताल स्टाफ ने यह नाटक देखा और इसकी सराहना की. नाटक में छात्राओं ने नशे के कारण होने वाले सामाजिक, पारिवारिक और स्वास्थ्य संबंधी दुष्परिणामों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ ललन कुमार ठाकुर ने की. उन्होंने नशामुक्त समाज निर्माण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि नशा आज समाज के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है. उन्होंने कहा कि शराब, गांजा, भांग, नशीली दवा और अन्य मादक पदार्थों का सेवन ना केवल व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बिगाड़ता है, बल्कि परिवार और समाज को भी टूटने की कगार पर ले आता है. नशे से मुक्त समाज ही स्वस्थ समाज है. उन्होंने छात्राओं द्वारा किए गए इस प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम जन-जागरण के लिए बेहद प्रभावी होते हैं और इससे समाज में सकारात्मक संदेश जाता है. कहा कि स्वास्थ्य विभाग लगातार नशा मुक्ति अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है. स्कूलों, कॉलेजों, स्वास्थ्य संस्थानों और सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने का अभियान जारी है. उन्होंने कहा कि आज युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे की चपेट में आ रहे हैं ऐसे में परिवार, समाज और प्रशासन को मिलकर उन्हें सही दिशा दिखाने की आवश्यकता है. उन्होंने माता-पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें और नशे के शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत मदद लें. कहा कि सदर अस्पताल में परामर्श एवं नशा मुक्ति सेवाओं की व्यवस्था उपलब्ध है, जहां प्रशिक्षित चिकित्सक और परामर्शदाता मरीजों को सही इलाज और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. उन्होंने कहा कि नशा एक बीमारी है और इसका इलाज संभव है, इसलिए पीड़ित व्यक्ति को अपराधी नहीं बल्कि मरीज समझकर उसे समय पर चिकित्सकीय सहायता मिलनी चाहिए. नुक्कड़ नाटक में दिखाया गया कि कैसे एक युवक गलत संगत में पड़कर नशे की लत का शिकार हो जाता है. नशे की वजह से उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती जाती है, परिवार में तनाव बढ़ता है और अंततः उसकी सेहत भी गंभीर रूप से प्रभावित होती है. नाटक में यह भी बताया गया कि नशा सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार को प्रभावित करता है. छात्राओं ने संवाद और अभिनय के माध्यम से यह संदेश दिया कि नशे से दूर रहकर ही व्यक्ति अपने जीवन, स्वास्थ्य और परिवार को सुरक्षित रख सकता है. उनके अभिनय में नशे के विरुद्ध गहरी भावनाएं और समाज को बदलने का संकल्प स्पष्ट नजर आया. मौके पर अपर मुख्य चिकत्सा पदाधिकारी डॉ एएसपी सिन्हा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सह जिला योजना समन्वयक बालकृष्ण चौधरी, अस्पताल प्रबंधक अभिनव आनंद सहित अन्य मौजूद थे.
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