त्रिवेणीगंज. मुख्यालय के मेला ग्राउंड स्थित दीना भदरी के प्रांगण में भाकपा माले द्वारा मोहम्मद मुस्लिम की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माले जिला सचिव जयनारायण यादव ने कहा कि मजदूर दिवस पूंजीपतियों के भयंकर शोषण के खिलाफ एक ऐसा लड़ाई था, जिसमें मजदूरों के असिमित कार्यवाधी को 08 घंटे किया गया. इस लड़ाई में सैकड़ों मजदूरों की जान गई थी. लेकिन अभी तत्कालिक फांसीवादी और पूंजीवादियों की सरकार फिर से उसी युग में ले जाने की वकालत कर रही है. साथ ही श्रम संशोधन कानून बनाकर मोदी सरकारी श्रमिकों के सभी अधिकार को खत्म करना चाहती है. खेग्रामास जिलाध्यक्ष जन्मजाई राई ने कहा कि मोदी सरकार के श्रम संहिता असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों की बात ही नहीं करती. जबकि भारत में सबसे ज्यादा असंगठित क्षेत्र के ही मजदूर है. इसके अलावे कई कानून की मदद से मजदूरों को दबाना आसान हो गया है. व्यापार करने में आसानी के नाम पर ट्रेड यूनियन को कमजोर किया जाने का प्रावधान है, जो श्रमिकों को आभासी रूप से गुलाम कर देगी. किसान नेता अच्छेलाल मेहता ने कहा कि 2019 में मोदी सरकार के आते ही श्रम संशोधन कानून पास करवाया. लेकिन मजदूरों के मजबूत विरोध के कारण यह अब तक लागू नहीं हुआ है. इस मुद्दे को लेकर 20 मई को मजदूरों का देशव्यापी हड़ताल होगा. जिसमें मुख्य मांग श्रम संहिता खत्म करने, राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन 26000 करने, सभी असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन, यूपीएस लागू करने, बिजली विधेयक वापस लेने के लिए, बिजली के निजीकरण, स्मार्ट मीटर आदि जैसे 17 मांगें है. सभा में सभी शहीद मजदूरों को श्रद्धांजलि दी गई. कार्यक्रम में नवल किशोर मेहता, डॉ अमित चौधरी, दुर्गी सरदार, मुकेश यादव, कबीर रजक, विनय यादव, फूलमंती देवी, सीता देवी, निरो देवी, निर्मला देवी समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे.
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