आश्वासन. चाैथे दिन टूटा शिक्षकों का अनशन, संशय है बरकरार
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होली से पहले मिलेगा बकाया वेतन
आश्वासन. चाैथे दिन टूटा शिक्षकों का अनशन, संशय है बरकरार अंतर बकाया वेतन को लेकर शिक्षक संघ के सदस्यों द्वारा जारी अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शनिवार को जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया. सुपौल : बीते 22 फरवरी से समाहरणालय स्थित शिक्षक संघ के सदस्यों द्वारा जारी अनिश्चितकालीन […]
अंतर बकाया वेतन को लेकर शिक्षक संघ के सदस्यों द्वारा जारी अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शनिवार को जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया.
सुपौल : बीते 22 फरवरी से समाहरणालय स्थित शिक्षक संघ के सदस्यों द्वारा जारी अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शनिवार को जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया. अनशन के चौथे दिन एसडीओ एनजी सिद्दीकी के पहल पर शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना अमर भूषण को डीएम के कार्यालय वेश्म में शनिवार को बुलाया गया. जहां डीएम बैद्यनाथ यादव, पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार ऐकले, डीइओ मो हारुण व एसडीओ श्री सिद्दीकी के समक्ष संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू, जिलाध्यक्ष विवेकानंद दास को आश्वस्त कराया गया कि आगामी बुधवार तक जिले भर के दक्षता उत्तीर्ण शिक्षकों का अंतर बकाया वेतन तथा होली त्योहार से पूर्व सभी शिक्षकों का अंतर बकाया वेतन का मामला सुलझा लिया जायेगा.
मालूम हो कि जिले भर के शिक्षकों का अंतर बकाया वेतन को लेकर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ गोपगुट के बैनर तले संघ के जिला सचिव पुष्पराज व जिला उपाध्यक्ष विकास कुमार आमरण अनशन पर बैठे थे. अनशन के 24 घंटे बीत जाने के बाद अनशनकारी की स्थिति खराब होना प्रारंभ हो गया. जहां शुक्रवार की देर संध्या अनशन स्थल पर अनुमंडल पदाधिकारी एनजी सिद्दीकी व जिला शिक्षा पदाधिकारी मो हारुण ने अनशन पर डटे सदस्य व उनके समर्थन में उतरे सदस्यों को आश्वस्त कराया कि शिक्षकों की समस्या को शीघ्र ही सुलझा लिया जायेगा. मौके पर एसडीओ ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना अमरभूषण से कई बार दूरभाष पर संपर्क साधने की कोशिश की. जहां उनके मोबाइल से संपर्क नहीं हो पाया. इसके उपरांत अनशन स्थल पर उपस्थित सदस्यों द्वारा अंतर बकाया वेतन की मांगे पूर्ण होने तक डटे रहने की बात कही गयी.
गौरतलब हो कि जिला प्रशासन के आश्वासन पर चार दिनों से जारी अनशन को समाप्त करा दिया गया. लेकिन कई शिक्षकों द्वारा संशय व्यक्त किया जा रहा है कि पूर्व की तरह इस बार भी मिले आश्वासन कहीं छलावा साबित ना हो जाय. शिक्षकों ने बताया कि पूर्व में भी डीपीओ स्थापना अमरभूषण द्वारा स्थानीय विधायक के समक्ष आश्वासन दिया गया था. बताया कि डीपीओ स्थापना के कथनी व करनी में काफी अंतर है. कहा कि पूर्व में संघ के सदस्यों को आश्वासन दिये जाने के उपरांत उन्होंने उक्त मसले को लेकर विभाग से मार्गदर्शन का मांग किया. बताया कि पदाधिकारी को शिक्षकों की समस्या को सुलझाने का ख्याल होता तो वे अनशन के दौरान ही विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त कर संघ के साथ वार्ता करते. शिक्षकों ने डीपीओ अमरभूषण पर आरोप लगाया कि वे जिले के शीर्ष पदाधिकारी के चहेते हैं. जिस कारण वे डीइओ की बात कभी नहीं सुनते.
अनुशासनात्मक कार्रवाई की दी धमकी : संघ के कई सदस्यों ने बताया कि शनिवार को वार्ता करने हेतु अनशन स्थल पर जिला शिक्षा पदाधिकारी मो हारुण व एसडीओ एनजी सिद्दीकी पहुंचे. जहां विचार विमर्श के दौरान संघ के सदस्यों ने पदाधिकारी द्वय से डीपीओ स्थापना अमरभूषण को अनशन स्थल पर बुलाने का अनुरोध किया. ताकि आपसी बातचीत के जरिये मामले का निष्पादन कर अनशन को समाप्त करायी जा सके. जहां एसडीओ द्वारा डीपीओ स्थापना से दूरभाष पर संपर्क साध कर उक्त स्थल पर पहुंचने का आग्रह किया गया. लेकिन उन्होंने अनशन स्थल पर पहुंचने से असमर्थता जाहिर किया.
जहां एसडीओ श्री सिद्दीकी ने अपने मोबाइल के जरिये संघ के जिलाध्यक्ष विवेकानंद दास से बात करवाया. सदस्यों ने बताया कि डीपीओ स्थापना के जबाव से सभी शिक्षकों को आहत पहुंची है. बताया कि डीपीओ ने कहा कि अनशन अवैध है. अनशन से शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है. संबंधित शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.
अब सवाल उठना लाजिमी है कि अनशन का आयोजन विभागीय आदेश के बाद किया गया. ऐसे में पदाधिकारी को सहयोगात्मक रवैया अपनानी चाहिए. या फिर धमकी व रौब दिखा कर प्रताड़ित किया जाना चाहिए. इस मौके पर संघ के राजीव कुमार झा, पंकज प्रभात, अमर सहनी, विभाष चंद्र सिंह, विजय कुमार, रामचंद्र पासवान, प्रमोद पासवान,अशोक कुमार अरुण, रुपेश कुमार रंजन, अशोक कुमार, फुलदेव कुमार, दिलीप कुमार पासवान, मो अशरफुल हौदा आदि मौजूद थे.
डीपीओ स्थापना की मनमानी चरम पर
शिक्षकों ने बताया कि डीपीओ स्थापना अमरभूषण की मनमानी के कारण शिक्षकों की समस्या उलझा हुआ है. बताया कि जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण ऐसे पदाधिकारी के जिम्मे स्थापना शाखा संचालित हो रहा है. जो किसी भी समस्या को सुलझाने के बजाय उलझा कर शिक्षकों को आर्थिक, शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं. बताया कि पदाधिकारी का कार्य शिक्षकों की समस्याओं को सुलझाना है. ताकि सरकार व विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुरूप शिक्षक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करा सके. लेकिन डीपीओ स्थापना द्वारा मनमरजी तरीके से कार्य को अंजाम दिया जा रहा है. संघ के सदस्यों ने बताया कि बीते दिनों उक्त मांग को लेकर संघ के छातापुर प्रखंड अध्यक्ष द्वारा आमरण अनशन किया गया था. जहां अनशनकारी की स्थित गंभीर होने के बाद सातवां दिन डीपीओ स्थापना अमरभूषण ने स्थानीय विधायक नीरज कुमार बबलू के समक्ष अनशनकारी व संघ के अन्य सदस्यों को आश्वस्त कराया कि 20 फरवरी तक छातापुर प्रखंड के सभी शिक्षकों का अंतर बकाया वेतन का मसला हल कर लिया जायेगा. लेकिन उक्त तिथि तक कार्य को संपन्न नहीं कराया गया.
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