खुलासा. वेतन नहीं मिलने पर कर्मी ने किया शिकायत
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नौकरी के नाम पर भी ठगी
खुलासा. वेतन नहीं मिलने पर कर्मी ने किया शिकायत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना सहित सरकार के अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं के नाम पर कोसी प्रमंडल के तीनों जिले में कार्यालय खोल कर ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का उद्भेदन सदर थाना पुलिस द्वारा किया गया है. सुपौल : ग्रामीण विकास सेवा संस्थान के नाम पर हो […]
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना सहित सरकार के अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं के नाम पर कोसी प्रमंडल के तीनों जिले में कार्यालय खोल कर ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का उद्भेदन सदर थाना पुलिस द्वारा किया गया है.
सुपौल : ग्रामीण विकास सेवा संस्थान के नाम पर हो रही ठगी मामले का उद्भेदन शनिवार को किया गया. संस्था से जुड़े एक कर्मी को जब दो माह काम करने के बावजूद वेतन नहीं दिया गया तो उसने पुलिस से इसकी शिकायत की. कर्मी के लिखित शिकायत के आलोक में शनिवार को सदर थानाध्यक्ष राम इकबाल यादव मामले की जांच के लिए कार्यालय पहुंचे थे. कार्यालय में उपस्थित तथाकथित शाखा प्रबंधक वीरेंद्र कुमार यादव के वेश्म में सरकार के विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का बैनर व पोस्टर देख कर थानाध्यक्ष दंग रह गये.
उन्होंने जब शाखा प्रबंधक से इन योजनाओं के बारे में पूछताछ किया और इन योजनाओं के तहत कार्य करने की अनुमति संबंधित कागजात मांगा तो शाखा प्रबंधक द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया. थानाध्यक्ष ने सदर एसडीओ को मामले से अवगत कराया. जिसके बाद सदर एसडीओ द्वारा कार्यपालक दंडाधिकारी विनोद कुमार सिन्हा को मामले की जांच के लिए उक्त कार्यालय भेजा गया. पुलिस और दंडाधिकारी के संयुक्त निरीक्षण में कार्यालय से प्राप्त सभी कागजातों एवं पंजियों की गहन जांच की गयी. जांच के दौरान थानाध्यक्ष ने कई बार संस्था के तथाकथित एमडी ओमप्रकाश कामत से दूरभाष पर संपर्क कर संस्था से संबंधित सभी कागजातों के साथ उपस्थित होने के लिए कहा.लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए.
मुद्रा योजना और हेल्थ कार्ड के नाम पर हो रही थी ठगी : भारत सरकार के अतिमहत्वपूर्ण प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्वास्थ्य बीमा योजना के नाम पर चल रहे गोरखधंधे के दौरान ग्रामीण विकास संस्थान के प्रबंध निदेशक ओमप्रकाश कामत ने कोसी के लोगों से करीब 50 लाख रुपये की ठगी की है. संस्था के एमडी ने पोस्टर बैनर के माध्यम से सुदूर ग्रामीण इलाकों में पहले तो प्रचार-प्रसार करवाया और पंचायत से लेकर जिला स्तर तक काफी संख्या में बेरोजगार युवक-युवतियों को अच्छी सेलरी का प्रलोभन दे कर इस संस्था से जोड़ने का काम किया और पंचायत स्तर पर नियुक्त कर्मियों की मदद से प्रधानमंत्री मुद्रा
योजना के तहत ऋण दिलाने के नाम पर ग्रामीणों से तीन हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक की ठगी किया है. पंचायत में बहाल संस्था के कर्मी की मदद से ही हेल्थ कार्ड बनाने के नाम पर भी व्यापक पैमाने पर ठगी की गयी. प्रति व्यक्ति एक सौ रुपये लेकर हेल्थ कार्ड बनाने के दौरान कर्मी सीधे-सादे लोगों को निजी क्लिनिकों में इलाज के नाम पर भारी छूट दिलवाने का प्रलोभन देते थे.
प्रशिक्षण के नाम पर 10 से 20 हजार रुपये की वसूली
फर्जी चिकित्सक भी शामिल
ग्रामीण विकास संस्था द्वारा स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हेल्थ कार्ड बनाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी की जा चुकी है. इस ठगी में केवल संस्था के अधिकारी व कर्मी ही नहीं बल्कि जिला मुख्यालय में संचालित कई अवैध क्लिनिकों के फर्जी चिकित्सक भी शामिल हैं. संस्था के कर्मी लोगों को बरगला कर राशि प्राप्त करने के बाद यह बताते थे कि इन क्लिनिकों में उपचार कराने पर संस्था के माध्यम से छूट मिल सकेगा. इसके लिए संस्था द्वारा जिन चिकित्सकों के नाम का लिस्ट लोगों को दिखाया जाता था या फिर पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किये गये कागजातों में जिन चिकित्सकों का जिक्र किया गया है, उनमें मुख्य रूप से शहर के सबसे कुख्यात फर्जी चिकित्सक डॉ रमेश कुमार एवं विमला सिन्हा का नाम शामिल है. इसके अतिरिक्त कई और फर्जी चिकित्सक भी लिस्ट में नामित हैं. लिस्ट में शामिल अन्य चिकित्सकों में डॉ एस रहमान, सदर अस्पताल में पदस्थापित डॉ एएसपी सिन्हा, लक्ष्मी अल्ट्रासाउंड संचालक डॉ एस कुमार आिद शामिल हैं.
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