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बिचौलिया काट रहे हैं चांदी
सुपौल रेलवे स्टेशन पर आ रिजर्वेशन टिकट लेना लोगों के लिये मशक्कत का खेल बना हुआ है. आम दिनों में भी रेलवे प्लेटफॉर्म से ट्रेन का टिकट हासिल करना टेढ़ा खीर साबित हो रहा है. सुपौल : रेल मंत्रालय जहां एक और बुलेट ट्रेन जैसी आधुनिकतम रेल गाड़ी चलाने के साथ ही यात्रियों के लिये […]
सुपौल रेलवे स्टेशन पर आ रिजर्वेशन टिकट लेना लोगों के लिये मशक्कत का खेल बना हुआ है. आम दिनों में भी रेलवे प्लेटफॉर्म से ट्रेन का टिकट हासिल करना टेढ़ा खीर साबित हो रहा है.
सुपौल : रेल मंत्रालय जहां एक और बुलेट ट्रेन जैसी आधुनिकतम रेल गाड़ी चलाने के साथ ही यात्रियों के लिये टिकट सुविधा सुलभ करने हेतु ऑन लाइन के अलावा मोबाइल एप के माध्यम से मिनटों में कहीं भी और कभी भी ट्रेनों का टिकट उपलब्ध करवाने का दावा कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर सुपौल जिला मुख्यालय में लोगों के लिये टिकट पाना मशक्कत का खेल बना हुआ है. आम दिनों में भी रेलवे प्लेटफॉर्म से ट्रेन का टिकट हासिल करना टेढ़ा खीर साबित हो रहा है. ऐसे में जब समर वेकेसन चल रहा है तो स्कूल कॉलेज में छुट्टियां चल रही है. घर से बाहर अन्य प्रदेशों में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्रा अपने घरों को लौट रहे हैं.
गरमी के इस मौसम में कड़ाके की धूप व गरमी से निजात पाने की ललक में लोग शिमला, मनाली, नैनीताल व दार्जिलिंग जैसे जगह पर जाकर अपनी छुट्टियां बिताना चाह रहे है. जाहिर तौर पर इन दिनों ट्रेनों में काफी भीड़ होती है. ऐसे में ट्रेनों का रिजर्वेशन टिकट पाना और भी मुश्किल साबित होता है. सुपौल रेलवे स्टेशन पर रिजर्वेशन टिकट की समुचित सुविधा नहीं रहने का खामियाजा स्थानीय लोगों को उठाना पड़ता है.
मात्र छह घंटे के लिए खुलती है रिजर्वेशन काउंटर : मालूम हो कि स्थानीय रेलवे स्टेशन पर यात्री टिकट के लिये एक मात्र रिजर्वेशन काउंटर की स्थापना की गयी है. यह काउंटर भी मात्र छह घंटे के लिये खुलती है.
काउंटर के खुलने का समय सुबह दाे बजे से अपराह्न दो बजे तक निर्धारित किया गया है. नतीजा है कि काउंटर पर रेल यात्रियों की भाड़ी भीड़ नीत दिन उमड़ती है. वहीं दो बजे व देर से आये यात्रियों को निराश लौटना पड़ता है. स्थानीय लोगों ने रेलवे अधिकारियों से कई बार काउंटर का समय चौबीसों घंटे या कम से कम दिन के दो पालियों में करने का अनुरोध किया गया है. लेकिन विभागीय उदासीनता की वजह से यात्रियों की मांग अब तक पूरी नहीं की जा सकी है.
रविवार को नहीं मिलता है आरक्षित टिकट
रेल मंत्रालय की उदासीनता कहे या रेल यात्रियों के प्रति संवेदनहीनता. सुपौल रेलवे स्टेशन रविवार के दिन रिजर्वेशन काउंटर का संचालन नहीं किया जाता है. रेलवे की इस निर्णय से जहां यात्री परेशान हो रहे हैं. वहीं यात्रियों के बीच इस बात की चर्चा भी काफी तूल पकड़ रहा है कि रविवार का दिन सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय के लिये अवकाश का दिन हो सकता है. मगर रेलवे को इस साप्ताहिक अवकाश से क्या लेना-देना.
टिकट काउंटर पर है बिचौलियों का राज
रेलवे विभाग की बदहाल व्यवस्था के कारण स्थानीय रेलवे स्टेशन पर टिकट के दलालों का साम्राज्य कायम हो चुका है. ऐसे दलाल रिजर्वेशन काउंटर खोलने के घंटों पूर्व या फिर एक दिन पूर्व से ही काउंटर पर अपना अगला स्थान सुरक्षित कर लेते हैं.
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