विभागीय पेच में फंसा इंदिरा आवास का भुगतान लाभुक काट रहे कार्यालय का चक्करप्रतिनिधि, सिमराही राघोपुर प्रखंड क्षेत्र में इंदिरा आवास की स्वीकृति मिलने के बाद भी सैकड़ों लाभुकों का लाभ विभागीय पेच में फंसा हुआ है. विभागीय उदासीनता का खामियाजा संबंधित लाभुकों को भुगतना पड़ रहा है. साथ ही आवास के लाभ को लेकर जहां लाभुक कार्यालय का चक्कर काटने को विवश हो रहे हैं. वहीं स्थानीय पदाधिकारी वरीय आदेश का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. जिस कारण लाभुक आर्थिक दोहन का भी शिकार हो रहे हैं.क्या है का मामला जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2011-12 व 2012-13 में विभागीय नियम के आलोक में बीपीएल वरीयता सूची के अनुसार इंदिरा आवास योजना के तहत लाभुकों को आवास दिये जाने की स्वीकृति दी गयी थी. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण लाभुकों के खाता में अब तक राशि नहीं भेजी गयी है. जिस कारण लाभुकों को आवास बनाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. विभागीय पेेच को लेकर अटका मामला मालूम हो कि इंदिरा आवास निर्माण के लिए विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2013 में 45 हजार की राशि का आवंटन किया जा रहा था. जबकि 2014 में यह राशि बढ़ कर 70 हजार रुपये हो गया. अब पेंच यहां पर फंसा हुआ है कि वित्तीय वर्ष 2013 में जिन लाभार्थियों को आवास का लाभ नहीं मिल पाया. ऐसे लाभार्थियों के भुगतान को लेकर प्रखंड स्तर से जिला को पत्र भेज कर दिशा निर्देश दिये जाने की मांग की गयी थी. प्रखंड कार्यालय के अनुसार जिला से मार्ग दर्शन नहीं मिलने के कारण उक्त कार्य लंबित बताया जा रहा है. स्थिति स्पष्ट है कि प्रखंड व जिला कार्यालय के मार्ग दर्शन के बीच लाभुकों का समय व पैसा दोनों रूप से क्षति पहुंच रही है. बावजूद इसके किसी प्रकार का न्याय नहीं मिलना लोगों के समझ से परे है. वर्षों से लाभुक काट रहा चक्कर विभागीय आंकड़ों के अनुसार आवास को लेकर विभागीय पेच में 195 लाभुकों की स्वीकृति के उपरांत मामला अटका हुआ है. जबकि सच्चाई यह है कि इस तरह के सैकड़ों लाभुक ऐसे है जिनका नाम विभाग के सूची में शामिल नहीं किया गया है. उदाहरण के तौर पर धरहरा पंचायत के आंकड़े पर नजर डाले तो सच्चाई से कोसों दूर है. से सच्चाई कोसों दूर है. विभागीय आंकड़े के हिसाब से इस पंचायत के मात्र 32 लाभुक ऐसे हैं जिन्हें स्वीकृति के उपरांत राशि का भुगतान नहीं किया गया है. जबकि सूची से अलग लाभुक मीरा देवी पति घनश्याम सादा, वेचनी देवी पति पवन सादा को स्वीकृति पत्र मिला है. बावजूद इसके विभागीय सूची से इनका नाम गायब बताया जा रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि विभागीय सूची के मुताबिक जिला पदाधिकारी द्वारा ऐसे लाभुकों को राशि के भुगतान का आदेश मिल भी जाता है तो भी विभागीय सूची से बाहर के स्वीकृति प्रदान किये गये लाभुकों को आवास लाभ से वंचित रहना होगा. कहते हैं लाभुक धरहरा पंचायत के लाभुक रामदेव ठाकुर, सियाराम ठाकुर, घनश्याम सादा, पवन सादा, वोराहा पंचायत के सुलेखा देवी, निर्मला देवी, सुलोचना देवी आदि दर्जनों लाभुकों ने बताया कि वे सभी आवास राशि को लेकर कई बार कार्यालय का चक्कर लगाये. बावजूद इसके राशि का भुगतान नहीं किया गया है.कोट——————यह मामला तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी के समय का है. लाभुकों को राशि भुगतान के लिए उनके द्वारा डीएम से मार्ग दर्शन मांगा गया है. आदेश प्राप्त होते ही राशि भुगतान की दिशा में कार्रवाई की जायेगी.मनोज कुमार, बीडीओ, राघोपुर
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विभागीय पेच में फंसा इंदिरा आवास का भुगतान
विभागीय पेच में फंसा इंदिरा आवास का भुगतान लाभुक काट रहे कार्यालय का चक्करप्रतिनिधि, सिमराही राघोपुर प्रखंड क्षेत्र में इंदिरा आवास की स्वीकृति मिलने के बाद भी सैकड़ों लाभुकों का लाभ विभागीय पेच में फंसा हुआ है. विभागीय उदासीनता का खामियाजा संबंधित लाभुकों को भुगतना पड़ रहा है. साथ ही आवास के लाभ को लेकर […]
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