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अतक्रिमण की वजह से सिकुड़ रही हैं सड़कें

अतिक्रमण की वजह से सिकुड़ रही हैं सड़कें व्यस्त सड़कों में शुमार एसएच 76 एव एसएच 91 अतिक्रमण की चपेट मेंसड़कों पर फुटपाथी दुकानदारों का रहता है कब्जा फोटो -01कैप्सन- सड़क पर लगा अस्थायी दुकानप्रतिनिधि, जदियामुख्यालय की दो मुख्य सड़कें एसएच 76 एवं एसएच 91 अतिक्रमण की चपेट में है.अतिक्रमणकारियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ […]

अतिक्रमण की वजह से सिकुड़ रही हैं सड़कें व्यस्त सड़कों में शुमार एसएच 76 एव एसएच 91 अतिक्रमण की चपेट मेंसड़कों पर फुटपाथी दुकानदारों का रहता है कब्जा फोटो -01कैप्सन- सड़क पर लगा अस्थायी दुकानप्रतिनिधि, जदियामुख्यालय की दो मुख्य सड़कें एसएच 76 एवं एसएच 91 अतिक्रमण की चपेट में है.अतिक्रमणकारियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि अब तो सड़क पर ही दुकानें सजायी जा रही हैं. इस वजह से सड़क के दोनों ओर अस्थायी दुकानों की बाढ़ सी आ गयी है. एसएच 91 पथ पर मुकेश अग्रवाल के कपड़ा दुकान से लेकर मनीष साइकिल स्टोर तक मुख्य सड़क पर यत्र-तत्र लगी सब्जी सहित अन्य अस्थायी दुकानदारों ने परमानेंट रूप से कब्जा जमा लिया है. जो स्थायी दुकानदारों के लिए भी सिरदर्द बन गये हैं. इतना ही नहीं बेतरतीब तरीके से लगाये गये इन अस्थायी दुकानों के कारण बाजार की सुंदरता पर भी असर पड़ रहा है. इस वजह से मुख्य सड़क पर हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है. स्थिति यह है कि आम लोगों को पैदल आवागमन करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.नहीं है बस व ऑटो पड़ावहनुमान मंदिर के समीप एसएच 76 सहित सभी चौक चौराहों पर अवैध ऑटो व बस स्टैंड संचालित हो रहा है. चालकों को जहां मन किया बस व ऑटो खड़ी कर यात्रियों को चढ़ाने व उतारने का कार्य शुरू कर देते हैं. वजह स्पष्ट है कि चालकों में प्रशासनिक कार्रवाई का भय नहीं है. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि अस्थायी दुकानदारों से दुकान लगाने के एवज में ठेकेदार द्वारा प्रतिदिन बट्टी भी वसूल की जाती है. ऐसे में अतिक्रमण यदि और भी भयानक रूप अख्तियार कर ले, तो कोई हैरत की बात नहीं होगी. कारण, इन दुकानदारों को प्रत्यक्ष रूप से हाट ठेकेदार व अप्रत्यक्ष रूप से प्रशासनिक अधिकारी का संरक्षण प्राप्त रहता है. बाजार की व्यस्त सड़कों में शुमार एसएच 76 एव एसएच 91 अतिक्रमण की वजह से कराह रही है. इससे सड़क दिन ब दिन सिकुड़ती जा रही है. गौर करने वाली बात यह है की इसी हाट में स्थानीय प्रशासनिक महकमा के लोग भी जरूरत के सामान की खरीदारी करते हैं, लेकिन उनकी नजर इस समस्या पर नहीं पड़ती है. प्रशासनिक अधिकारियों का इस समस्या के प्रति उदासीन रवैया कई सवालों को जन्म दे रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है की प्रशासन के लचर एव सुस्त रवैये के कारण ही बाजार के दोनों मुख्य सड़क अतिक्रमण की चपेट में है.उनका मानना है कि प्रशासनिक उदासीनता की वजह से ही बाजार की सड़कें अतिक्रमणमुक्त नहीं हो पा रही हैं.

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