सिमरी : सिमरी बख्तियारपुर आज भी स्वास्थ्य सुविधा में कंगाल है. आज भी अनुमंडल अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रतिनियुक्त स्वास्थकर्मी के सहारे चलाया जा रहा है. गंभीर रोगों के इलाज की यहां कोई व्यवस्था नहीं है. मामूली रूप से बीमार मरीज को सहरसा सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है.
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यहां टॉर्च की रोशनी में होता है इलाज
सिमरी : सिमरी बख्तियारपुर आज भी स्वास्थ्य सुविधा में कंगाल है. आज भी अनुमंडल अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रतिनियुक्त स्वास्थकर्मी के सहारे चलाया जा रहा है. गंभीर रोगों के इलाज की यहां कोई व्यवस्था नहीं है. मामूली रूप से बीमार मरीज को सहरसा सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. इसके कारण अनुमंडल के […]
इसके कारण अनुमंडल के सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ व बनमा ईटहरी प्रखंड के लाखों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए सहरसा या फिर पटना की शरण लेनी पड़ रही है.
टॉर्च की रौशनी में हुआ इलाज: गुरुवार को सिमरी बख्तियारपुर अंतर्गत भौंरा निवासी निवासी एक व्यक्ति चापाकल में गिरने से गंभीर रूप से जख्मी हो गया. जिन्हें आसपास के लोगों की सहायता से सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के लिए घायल का अंधेरे कमरे में ही मोबाइल टॉर्च की रोशनी के भरोसे इलाज हुआ.
चूंकि बिजली जा चुकी थी, लेकिन जेनेरेटर नहीं चलने की वजह से मोबाइल के सहारे की जरूरत पड़ी. हालांकि इन्वर्टर चालू था, लेकिन उसकी धीमी रोशनी इलाज के लिए नाकाफी थी. बताया जाता है कि जेनेरेटर द्वारा बिजली उपलब्ध कराने का अनुबंध बीते वर्ष एक मई को हुआ था. यह अनुबंध एक वर्ष का था.
जो खत्म हो गया. यह अनुबंध गीता महिला उत्थान समिति, भोजपुर बिहार को मिला था. इस संबंध में अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एन के सिन्हा ने कहा कि अनुबंध खत्म हो गया है. लिखित रूप से चलाने का रिक्वेस्ट किया है. जिला को भी इसकी सूचना दी है. जिला भी कहा है चलाओ.
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