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जांच टीम ने लिया मकई फसल का जायजा, स्थिति देख हुए दंग

सुपौल : समाहरणालय स्थित मंगलवार को आक्रोशित किसानों द्वारा किये गये प्रदर्शन के मामले में जिला प्रशासन सख्त दिख रही है. पीड़ित किसानों की समस्याओं को दूर कराये जाने के लिए डीएम बैद्यनाथ यादव ने जिला कृषि पदाधिकारी को आदेश देने के साथ ही एक त्रिस्तरीय टीम का गठन किया. जहां टीम में शामिल सदस्यों […]

सुपौल : समाहरणालय स्थित मंगलवार को आक्रोशित किसानों द्वारा किये गये प्रदर्शन के मामले में जिला प्रशासन सख्त दिख रही है. पीड़ित किसानों की समस्याओं को दूर कराये जाने के लिए डीएम बैद्यनाथ यादव ने जिला कृषि पदाधिकारी को आदेश देने के साथ ही एक त्रिस्तरीय टीम का गठन किया. जहां टीम में शामिल सदस्यों ने बुधवार को बैरिया पंचायत पहुंची. साथ ही किसानों द्वारा लगाये गये मकई की फसल का जायजा लिया.

मौके पर किसानों ने जांच टीम में शामिल पदाधिकारियों को अपने- अपने खेतों में ले जाकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया. जांच टीम ने भी पाया कि कई एकड़ जमीन में किसानों द्वारा उगाये गये मकई की बाली में दाना ही नहीं है. इस मामले की गहनता पूर्वक जांच किया जाना आवश्यक है, ताकि सही- सही कारणों का पता चल पाये. इधर जिला प्रशासन द्वारा की गयी त्वरित कार्रवाई से पंचायत के किसानों में काफी खुशी देखी गयी. जांच टीम में निरीक्षण पदाधिकारी एडीएम स्थापना, डीएओ प्रवीण कुमार झा तथा कृषि वैज्ञानिक डॉ विपुल कुमार मंडल शामिल हैं.

स्थिति को देख जांच टीम चिंतित
बैरिया पंचायत में कई एकड़ भूमि में लहलहाते मकई की खेती को देख जांच टीम में शामिल पदाधिकारी स्थिति को देख भौचक्क रह गये. वहीं किसानों ने जांच पदाधिकारियों को बताया कि वे विभाग द्वारा चयनित केंद्र से ही हाईब्रीड बीज खरीदा. साथ ही स्थानीय अधिकारियों के निर्देशानुसार उन्होंने अपने – अपने खेतों में मकई की फसल लगाया. बताया कि बीज से लगभग शत प्रतिशत मकई का पौधा निकला. जिसके बाद विभागीय अधिकारियों के अनुसार उन्होंने समय- समय पर फसल में खाद व पानी भी डाला.
किसानों ने बताया कि समयानुसार मकई के हरेक पौधे में स्वस्थ बालियां निकला, जिसे देख किसानों में आस जगी थी कि हाईब्रीड बीज से उन लोगों को अच्छी पैदावार मिलेगा.
बताया कि मंगलवार को कुछ किसानों ने एक पौधे में उगे दो- तीन बालियों में से एक बाली को तोड़ कर देखना चाहा कि हाईब्रीड बीज की बालियों में दाना की क्या स्थिति है. लेकिन उक्त बाली में किसान को एक भी दाना नहीं मिला. हताश व निराश किसानों ने उक्त बाली को लेकर समाहरणालय पहुंचे. साथ ही जिला पदाधिकारी से किसानों की समस्याओं को सुलझाने की
गुहार लगाया.
डीएओ ने दिया 10 सदस्यीय सर्वे टीम का गठन
जांच पदाधिकारी द्वारा किये गये स्थलीय निरीक्षण के बाद डीएओ प्रवीण कुमार झा ने बताया कि जिले में इस प्रकार की समस्या से कितने किसानों को जूझने पर विवश होना पड़ा है. इसे लेकर दस सदस्यीय सर्वे टीम का गठन किया जा रहा है. बताया कि सर्वे टीम के द्वारा जांच टीम को तीन दिनों के भीतर प्रतिवेदन समर्पित किये जाने का आदेश दिया गया है. बताया कि सर्वे टीम द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के बाद समुचित कार्रवाई की जायेगी. ताकि किसानों को लागत अनुरूप समुचित तरीके से सहयोग उपलब्ध करायी जा सके. डीएओ श्री झा ने यह भी बताया कि फसल में दाना नहीं आने से वे भी हतप्रभ हैं. बताया कि विभाग द्वारा किसी भी बीज का समुचित तरीके से प्रत्यक्षण कराने के उपरांत ही किसानों को उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन किसान द्वारा ससमय बीज की बुआई किये जाने के बाद भी उन लोगों को निराशा हाथ लगी है. जांच टीम द्वारा लिये गये जायजा के क्रम में किसान सलाहकार मो आसिफ इकबाल, भवेश कुमार, कृष्ण कुमार, उमेश कुमार, नदीम इकबाल सहित दर्जनों किसान उपस्थित थे.

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