छातापुर : प्रखंड के चरणे पंचायत स्थित अररिया सीमा को जोड़ने वाली पक्की सड़क में बिनैनियां धार पर बने लोहे का जर्जर पुल बड़े हादसे को आमंत्रित कर रहा है. करीब डेढ़ दशक पूर्व बनाये गये इस पुल पर आर-पार करना किसी खतरों से खेलने से कम नहीं हैं. निर्माण कार्य के दौरान बरती गयी अनियमितता के कारण पुल के दोनों दिशाओं का एप्रोच पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है.
पुल के दोनों सिरों का अधिकांश हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया है. जहां चालकों को दुपहिया वाहन भी पार कराने में जान हथेली पर रखना पड़ रहा है. दो जिलों को जोड़ने वाली इस पक्की सड़क की महत्ता को देखते हुए दशकों पूर्व काठ के पुल का निर्माण कराया गया था. काठ पुल ध्वस्त होने के चार साल बाद यानी डेढ़ दशक पूर्व लोहे की पुल का निर्माण कराया गया. जो पुल हजारों की आबादी के लिए सबसे सुलभ रास्ता है.
उक्त पुल के सहारे भरगामा प्रखंड के सिरसीया से होकर अररिया जिले के लिए आमलोग आवागमन करते आ रहे हैं. बिनैनियां धार पर बने पुल की जर्जरता पर चर्चा करते पूर्व सांसद व स्थानीय निवासी महेंद्र नारायण सरदार बताते हैं कि अथक प्रयास के बाद वर्ष 2001-02 में तत्कालीन विधायक गीता सरदार द्वारा लोहे के पुल का निर्माण करवाया गया था. जहां पुल के निर्माण कार्य में संवेदक द्वारा भारी अनियमितता बरती गई. अनियमितता इस कदर कि पुल के दोनों ओर एक एक यानी दो स्पेन का निर्माण भी नहीं कराया गया. जिसका नतीजा रहा कि पुल में दोनों सिरों का एप्रोच धार में ही जल बहाव के निशाने पर निर्माण कर दिया गया. जहां मानसून के दौरान एप्रोच पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर हादसे को आमंत्रित कर रहा है. उन्होंने कहा कि आवागमन में हो रही परेशानी को देखते हुए सुपौल की सांसद रंजीत रंजन से एक बड़े पुल के निर्माण की मांग की गई. जहां उन्होंने पुल की महत्ता को देखते हुए जल्द ही पुल के निर्माण का आश्वासन भी दिया.