38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

मुंह-गले में छाले, सीने और गर्दन पर निकल रहे दाने, ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों में दिख रहे हैं ऐसे लक्षण

ब्लैक फंगस के रोगियों में नये लक्षण मिलने से डॉक्टर असमंजस में हैं. खासतौर पर ऐसे रोगी जो कोरोना संक्रमित हैं और उन्हें ब्लैक फंगस हुआ है. दरअसल शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में गुरुवार से ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए संयुक्त डॉक्टरों की ओपीडी सेवा शुरू की गयी है.

पटना. ब्लैक फंगस के रोगियों में नये लक्षण मिलने से डॉक्टर असमंजस में हैं. खासतौर पर ऐसे रोगी जो कोरोना संक्रमित हैं और उन्हें ब्लैक फंगस हुआ है. दरअसल शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में गुरुवार से ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए संयुक्त डॉक्टरों की ओपीडी सेवा शुरू की गयी है. दो दिन के अंदर कुछ ऐसे मरीज रिपोर्ट कर रहे हैं, जिनके शरीर में फंगस फैला है. मुंह में छाले आ गये हैं और सीने व गर्दन पर भी दाने दिखाई दे रहे हैं.

आइजीआइएमएस में ओपीडी की शुरुआत होने के दो दिन के अंदर इस तरह के लक्षण वाले पांच मरीजों को भर्ती किया गया है. इतना ही नहीं शहर के एम्स और पीएमसीएच में भी इस तरह के केस देखने को मिल रहे हैं.

ओपीडी में संयुक्त डॉक्टरों की टीम कर रही इलाज

आइजीआइएमएस के मेडिसिन, इएनटी, नेत्र रोग विभाग, सर्जरी, स्किन आदि विभाग के डॉक्टरों की संयुक्त टीम ओपीडी में आने वाले मरीजों का इलाज कर रही है. आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि फंगस से पीड़ित मरीजों की जांच के लिए अलग से गाइडलाइन बनायी गयी है.

मुंह के छाले पड़ गये हैं, तो यह एंटीबायोटिक के असर से भी हो सकता है. शरीर में कहीं दाने या छाले या लाल काले चकत्ते पड़ गये हैं, तो संभव है कि दवा का साइडइफेक्ट हो. जांच के लिए पहले मैनुअल तकनीक अपनायी जायेगी. फिर सीटी स्कैन, एमआरआइ और कल्चर टेस्ट होगा. कल्चर के बाद बायोप्सी जांच के बाद डायग्नोसिस होगी.

चेस्ट फिजिशियन की देखरेख में इलाज

मेडिकल सुपरिटेंडेंट के मुताबिक आइजीआइएमएस में अभी व्हाइट फंगस के एक भी केस नहीं आये हैं. अगर इस तरह के केस संस्थान में आते हैं, तो इसके लिए चेस्ट फिजिशियन डॉक्टरों की टीम भी तैनात कर दी गयी है. डॉक्टरों के मुताबिक फंगस खासकर व्हाइट का असर सांस की नलियों से फेफड़े पर जल्दी पड़ता है.

बिहार को ब्लैक फंगस की दवा के 1460 वायल मिले

केंद्र सरकार ने बिहार को ब्लैक फंगस की दवा लीपोसोमल एंफोटेरीसीन बी इंजेक्शन-एंबिसोम का 1460 वायल आवंटित किया है. बिहार में ब्लैक फंगस ही बढ़ती हुई स्थिति को देखते हुए पटना एम्स में पहले 20 बेड का ब्लैक फंगस वार्ड बनाया गया, जिसको बढ़ाकर अब 40 बेड का किया जा रहा है. हालांकि ब्लैक फंगस वार्ड के अलावे कोरोना वार्ड में भी इसका इलाज किया जा रहा है.

राज्य सरकार ने अन्य अस्पतालों में भी इसके इलाज की व्यवस्था की है तथा इसको बढ़ाने की कोशिश कर रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि दवा की उपलब्धता और राज्यों की जरूरत के अनुसार लगातार आवंटन किया जा रहा है.

इसी क्रम में शुक्रवार को लीपोसोमल एंफोटेरीसीन बी-एंबिसोम इंजेक्शन का कुल 80 हजार वायल का आवंटन विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए किया गया. जिसमें 1460 वायल का आवंटन बिहार के लिए हुआ.

चौबे ने लोगों से बेवजह ज्यादा परेशान होने से बचने और इसके समुचित इलाज के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अस्पतालों में इलाज करवाने सलाह दी. उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस का इलाज संभव है और हमारे अस्पतालों में उपलब्ध है.

Posted by Ashish Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें