प्रतिनिधि,सीवान. विश्व यक्ष्मा दिवस पर एएनएम स्कूल की छात्राओं द्वारा प्रभात फेरी के माध्यम से आमजनों को जागरूक करने तथा टीबी बीमारी के लक्षण एवं बचाव सहित कई अन्य विषयों से संबंधित जानकारी दी गई. सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने कहा कि वर्ष 2024 में कुल 6849 टीबी मरीज चिन्हित किया गया है, जिसमें सरकारी संस्थान में 3572 एवं निजी चिकित्सकों द्वारा 3277 मरीजों की पहचान की गई है. जिले के 19 प्रखंड क्षेत्रों से 119 पंचायतों का चयन टीबी मुक्त पंचायत अभियान के अंतर्गत किया गया है. जिसमें अंतिम रूप से कुल 93 पंचायत सफल हुए है. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज प्रभारी संचारी रोग पदाधिकारी डॉ सुरेंद्र कुमार ने बताया कि समुचित इलाज से टीबी को आसानी से मात दिया जा सकता है.जांच व उपचार की सुविधा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है.देश को पूरी तरह से टीबी मुक्त बनाना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है. मरीजों का बड़ा हिस्सा अब भी इलाज के लिए सरकारी अस्पताल नहीं पहुंच पाता है. जबकि टीबी का इलाज सरकारी अस्पतालों में हर दृष्टिकोण से बेहतर हैं.क्योंकि यहां जांच से लेकर इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है. टीबी मरीजों के उन्नत इलाज की विकसित की गई है कई पद्धति यक्ष्मा विभाग के जिला योजना समन्वयक दीपक कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत राज्य एवं भारत सरकार द्वारा उन्नत इलाज की कई पद्धति विकसित की गई है. वर्ष 2024 राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहा जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में रोग की पहचान के लिए अत्याधुनिक ट्रूनेट मशीन लगाया गया है. राज्य के 10 जिलों में 100 दिन संचालित अभियान में सीवान जिले ने दो लाख से अधिक लोगों का स्क्रीनिंग किया गया है.इस अवसर पर सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक राम सागर राम, एसटीएलएस ओम प्रकाश प्रसाद,अमितेश कुमार, ट्राई इंडिया जिला समन्वयक नीरज गोस्वामी एवं मधुसुदन प्रसाद सहित टीम के कई अन्य लोग शामिल हुए.
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