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सरकारी कर्मचारियों के लिए घर खरीदना हुआ आसान, इस स्कीम से मिल रहा सस्ता होम लोन, जानिए पूरा डिटेल

Home Loan Interest: रियल एस्टेट की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार की हाउस बिल्डिंग एडवांस (HBA) स्कीम कर्मचारियों के लिए राहत बनकर उभरी है. कम ब्याज दर, लंबी अवधि और 25 लाख तक लोन की सुविधा के साथ यह योजना घर खरीदने और बनाने के सपने को आसान बनाती है.

Home Loan Interest: रियल एस्टेट की लगातार चढ़ती कीमतों ने आम लोगों का घर खरीदने का सपना पहले से कहीं अधिक मुश्किल कर दिया है. जमीन से लेकर निर्माण सामग्री तक, हर चीज महंगी होने के कारण कई परिवार अपने ही घर का सपना टालते जा रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यह स्थिति उतनी कठिन नहीं रह गई है. सरकार की हाउस बिल्डिंग एडवांस (HBA) योजना उनके लिए ऐसा विकल्प बनकर सामने आई है, जिसने घर बनाने और खरीदने की प्रक्रिया को काफी आसान कर दिया है.

घर निर्माण से लेकर मरम्मत और प्लॉट खरीद तक

HBA स्कीम कर्मचारियों को घर से जुड़ी हर जरूरत के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती है. चाहे नया घर बनवाना हो, पहले से तैयार मकान खरीदना हो या पुरानी इमारत की मरम्मत की जाए हर स्थिति में यह स्कीम पर्याप्त सहयोग प्रदान करती है. इतना ही नहीं, प्लॉट खरीदने पर भी यह योजना मदद देती है, जिससे कर्मचारी अपनी सुविधा और पसंद के अनुसार भविष्य के घर की प्लानिंग कर सकते हैं.

25 लाख तक का लोन, वेतन के आधार पर तय होती है राशि

इस योजना में लोन की सीमा कर्मचारियों की आय को ध्यान में रखते हुए तय की गई है. एक केंद्रीय कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और डीए को मिलाकर 34 गुना तक की राशि उधार ले सकता है. हालांकि, अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये निर्धारित है. वहीं, घर की मरम्मत, विस्तार या पुनर्निर्माण के मामलों में राशि के लिए अलग नियम बनाए गए हैं, जिससे सहायता बिल्कुल जरूरत के अनुरूप मिले.

कर्मचारियों को मिलती है लंबी अवधि की वित्तीय सुरक्षा

HBA की सबसे बड़ी खूबी इसकी ब्याज दर है. जहां बाजार में होम लोन की दरें समय-समय पर बदलती रहती हैं, वहीं HBA में ब्याज दर लगभग 6 से 7.5 प्रतिशत के बीच स्थिर रहती है. इस वजह से लोन लेने वाले कर्मचारी EMI बढ़ने की चिंता से मुक्त रहते हैं और आने वाले वर्षों के लिए आसानी से वित्तीय योजना बना पाते हैं.

पात्रता आसान, नियम स्पष्ट अधिकांश कर्मचारी ले सकते हैं लाभ

इस स्कीम का लाभ लेने के लिए केंद्र सरकार में स्थायी कर्मचारी होना और कम से कम पांच साल की सेवा पूरी करना जरूरी है. साथ ही यह भी शर्त है कि कर्मचारी ने इससे पहले किसी सरकारी आवास योजना का लाभ न लिया हो. कुछ स्थितियों में अस्थायी कर्मचारियों को भी मौका दिया जाता है, जिससे योजना का दायरा और प्रभाव बढ़ जाता है.

महंगी होती रियल एस्टेट के बीच HBA बना मजबूत विकल्प

तेज़ी से बढ़ती प्रॉपर्टी कीमतों और अस्थिर ब्याज दरों के दौर में HBA स्कीम सरकारी कर्मचारियों को एक सस्ता, सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प प्रदान करती है. स्थिर EMI, स्पष्ट नियम और कम ब्याज दरों ने इस योजना को उन परिवारों के लिए बड़ा सहारा बना दिया है, जो बिना भारी वित्तीय तनाव के अपना घर बनाना चाहते हैं.

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Anshuman Parashar
Anshuman Parashar
मैं अंशुमान पराशर पिछले एक वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल बिहार टीम से जुड़ा हूं. बिहार से जुड़े सामाजिक, राजनीतिक, अपराध और जनसरोकार के विषयों पर लिखने में विशेष रुचि रखता हूं. तथ्यों की प्रमाणिकता और स्पष्ट प्रस्तुति को प्राथमिकता देता हूं.

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