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महाराष्ट्र मॉडल देखकर लौटे पैक्स प्रतिनिधि

जिले की सहकारी समितियों को आधुनिक, सक्षम और बहुआयामी स्वरूप देने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण पहल की है. इसी उद्देश्य से विभिन्न प्रखंडों के पैक्स अध्यक्षों और प्रबंधकों को पांच दिवसीय प्रबंधन प्रशिक्षण एवं अध्ययन भ्रमण के लिए पुणे स्थित बैकुण्ठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान भेजा गया था.

प्रतिनिधि, सीवान. जिले की सहकारी समितियों को आधुनिक, सक्षम और बहुआयामी स्वरूप देने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण पहल की है. इसी उद्देश्य से विभिन्न प्रखंडों के पैक्स अध्यक्षों और प्रबंधकों को पांच दिवसीय प्रबंधन प्रशिक्षण एवं अध्ययन भ्रमण के लिए पुणे स्थित बैकुण्ठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान भेजा गया था. इस प्रशिक्षण का मकसद प्रतिभागियों को सिर्फ सैद्धांतिक ज्ञान देना नहीं था, बल्कि उन्हें उन समितियों के वास्तविक मॉडल दिखाना था, जो आधुनिक व्यावसायिक तकनीकों का उपयोग करते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती प्रदान कर रही हैं. प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र की कई समितियों का भ्रमण किया. टीम ने राजुरी विधिक कार्यकारी सेवा सहकारी समिति लिमिटेड और सहकार महर्षि काष्टी विविध कार्यकारी सेवा सहकारी सोसायटी लिमिटेड का दौरा किया. यहां प्रतिभागियों ने देखा कि किस तरह समिति ‘माल गोदाम’ चलाकर विभिन्न व्यवसायों से अतिरिक्त आय अर्जित कर रही है. समिति द्वारा दिए जाने वाले ऋण और उसकी समय पर वसूली ने भी समिति को स्थिर आर्थिक आधार दिया है. इस मॉडल को देखकर सीवान के प्रतिनिधि अत्यंत प्रभावित हुए और इसे अपने जिलों में अपनाने की इच्छा व्यक्त की. टीम का अगला पड़ाव एक ऐसी समिति रही, जो बड़े पैमाने पर मधुमक्खी पालन का संचालन करती है. यहां उत्पादन होने वाला शुद्ध शहद बाज़ार में उच्च मूल्य पर बिकता है और समिति को भारी मुनाफा देता है. इसके साथ ही कई जैविक उत्पाद भी तैयार किए जा रहे थे, जिनकी बढ़ती बाज़ार मांग ने समिति को आर्थिक रूप से और मजबूत बनाया है. कृषि प्रधान जिले सीवान के लिए यह मॉडल बेहद उपयोगी माना गया. प्रतिनिधियों ने एक और महत्वपूर्ण मॉडल का अध्ययन किया जिसमें समिति द्वारा संचालित जन औषधि केंद्र ग्रामीणों के लिए किफायती दवाइयों का बड़ा केंद्र था. इससे आम लोगों को सस्ती दवाएं मिलती हैं और समिति के लिए आय का स्थायी स्रोत भी विकसित होता है. प्रतिनिधियों का मानना है कि यह मॉडल सीवान की समितियों के लिए भी अत्यंत प्रभावी साबित हो सकता है. अध्ययन भ्रमण के दौरान गोरेयाकोठी प्रखंड के सैदपुरा पैक्स अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी और मिरजुमला पैक्स के प्रबंधक राजू तिवारी को अंगवस्त्र भेंट किया गया, . प्रशिक्षण से लौटे प्रतिभागियों ने इसे अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे सहकारिता के नये आयामों की समझ विकसित हुई है. सैदपुरा पैक्स अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि सीवान की अधिकांश समितियां अभी भी धान खरीद, उर्वरक दुकान और पीडीएस जैसे पारंपरिक कार्यों तक सीमित हैं, जबकि महाराष्ट्र के मॉडल ने दिखाया कि विविध व्यवसाय अपनाकर आमदनी कई गुना बढ़ाई जा सकती है. उसी तरह राजू तिवारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण ने नेतृत्व क्षमता और टीम मैनेजमेंट की समझ को नई दिशा दी है. इस कार्यक्रम में करसर पैक्स अध्यक्ष रवि रंजन सिंह, अभिषेक तिवारी, वृजकिशोर सिंह, अजय कुमार सिंह समेत जिले के कई प्रतिनिधि शामिल हुए. सभी ने इस यात्रा को सहकारिता को नई ऊंचाई पर ले जाने वाली ऐतिहासिक पहल बताया. उनका कहना है कि यदि जिले की समितियां भी बहुआयामी व्यावसायिक मॉडल अपनाएं, तो पैक्स न सिर्फ आत्मनिर्भर होंगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत आधार मिलेगा.

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