सीवान. नियोजित से विशिष्ट शिक्षक बने शिक्षक आर्थिक तंगी की दौर से गुजर रहे हैं. विभागीय उदासीनता व कार्य शिथिलता की वजह से इन्हें दो माह से वेतन नही मिल रहा है. इधर शिक्षक संघ का आरोप है कि डीपीओ स्थापना कार्यालय की कर्मियों की मनमानी के चलते शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है. लिहाजा इन विशिष्ट शिक्षकों की होली बेरंग रही. वहीं, ईद पर भी वेतन मिलने की उम्मीद नहीं है. जानकारी के मुताबिक जिले में आठ हजार से अधिक शिक्षकों की काउंसेलिंग की गयी. इनमें से सात हजार पांच सौ 85 शिक्षकों को टेक्निकल ज्वाइनिंग विभाग द्वारा संपन्न हुई. वहीं, दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद तीन हजार 54 शिक्षकों का एचआरएमएस पोर्टल पर ओनबोर्डिंग की प्रक्रिया पूर्ण हुई है, जो कुल शिक्षकों की संख्या का मात्र 40 फीसदी है, जबकि 561 शिक्षकों का ही जनवरी व फरवरी माह के वेतन का भुगतान हो सका, जो मात्र सात फीसदी है. पहले विभाग के आला अधिकारी यह आरोप लगा रहे थे कि शिक्षकों द्वारा की गयी त्रुटियों के चलते वेतन प्रक्रिया बाधित हो रही है. अब विभाग के कर्मी पोर्टल पर ऑन बोर्डिंग नहीं होने का हवाला दे रहे हैं. मालूम हो कि राज्य सरकार के नये नियम के तहत नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा पास कर विशिष्ट शिक्षक बने. इन शिक्षकों की नयी नौकरी एक जनवरी से मानी जा रही है. नियमानुसार नयी नौकरी में आने के बाद प्रान नंबर जरूरी होता है. इसके लिए शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. आवेदन की जांच के बाद यह जिला शिक्षा पदाधिकारी के लॉगिंग पोर्टल पर जाता है. जहां से यह ट्रेजरी में जाता है. वहां मजूरी के बाद शिक्षकों को प्राण नंबर मिलता है. प्राण नंबर मिलने के बावजूद शिक्षकों को अन्य प्रक्रिया अधूरी रहने के कारण वेतन नहीं मिल पाया.
सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों में बढ़ रही है नाराजगी
वेतन नहीं मिलने से सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों में विभाग के प्रति नाराजगी दिख रही है. विगत कुछ दिन पहले शिक्षक संघ ने आक्रोश मार्च निकाला था. शिक्षकों का कहना है कि पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से वेतन आच्छादित था, तो वेतन पहले सप्ताह के आसपास मिल जाता था. वहीं विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद वेतन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से आच्छादित होगा. अब विशिष्ट शिक्षकों का पहले परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट जनरेट होगा. उसके बाद ही राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से आच्छादित हो पायेगा. विभाग की सुस्ती व लापरवाही की वजह से अभी तक जिले में शिक्षकों का परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट जनरेट नहीं हो पाया है. जिन शिक्षकों का प्राण जेनरेट हो गया है, उनका भी वेतन नही मिल रहा है, जिसको लेकर शिक्षकों में नाराजगी है.
प्राण नंबर जेनरेट करने की गति काफी धीमी
जिले में प्राण जेनरेट और वेतन भुगतान का कार्य काफी धीमा है. इससे शिक्षकों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है. शिक्षकों का कहना है कि विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के तहत निर्धारित वेतन के आधार पर भुगतान की प्रक्रिया शुरू होनी थी, लेकिन अब तक वेतन निर्धारण और भुगतान को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिले है. इस कारण शिक्षकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. प्राण जनरेशन और एचआरएमएस पर ऑन बोर्डिंग की प्रक्रिया में देरी के कारण शिक्षकों का वेतन अटका हुआ है.जिन शिक्षकों का प्रान जेनरेट हो चुका है, उनका एचआरएमएस पर ऑनबोर्डिंग नहीं किया गया. इस कारण होली पर भी वेतन नहीं मिला. अब ईद भी नजदीक है, लेकिन भुगतान की कोई संभावना नहीं दिख रही.शिक्षकों का कहना है कि यदि जल्द वेतन भुगतान नहीं हुआ, तो उनके लिए जीविका चलाना मुश्किल हो जायेगा.
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