सीवान. विधानसभा चुनाव का माहौल धीरे-धीरे तेज़ होता जा रहा है, लेकिन शहर की सबसे पुरानी और गंभीर समस्या,जलजमाव अब तक किसी भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी के एजेंडे में शामिल नहीं हो पाई है. सीवान नगर परिषद क्षेत्र में पिछले एक दशक से हर बरसात में पूरा शहर तालाब में तब्दील हो जाता है.गलियां, मुख्य सड़कें और बाजार तक पानी में डूब जाते हैं, लेकिन इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में अब तक ठोस पहल नहीं हुई. जानकारी के अनुसार, नगर परिषद क्षेत्र में जल निकासी के लिए आज तक कोई मास्टर प्लान तैयार नहीं किया गया. हर साल नालों की सफाई, सड़क मरम्मत और नाला निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, लेकिन इसका जमीनी असर देखने को नहीं मिलता. बरसात शुरू होते ही सड़कों पर पानी भर जाता है, जिससे लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय की कमी और सरकारी राशि के बंदरबांट के कारण हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. नालों की डिज़ाइन अव्यवस्थित होने और गंदगी से पटे रहने के कारण पानी का बहाव रुक जाता है. नतीजतन, हर साल वही स्थिति दोहराई जाती है.वर्षों से जनता इस समस्या से त्रस्त है, लेकिन कोई भी दल या प्रत्याशी इसे गंभीर चुनावी मुद्दा बनाने की हिम्मत नहीं दिखा पाया. नागरिकों का कहना है कि इस बार यदि उम्मीदवार इस स्थायी समस्या का समाधान अपने एजेंडे में शामिल करें, तभी शहर की तस्वीर बदल सकती है. स्थानीय निवासी राजीव कुमार ने कहा कि हर साल वही कहानी दोहराई जाती है. बरसात आते ही घरों और दुकानों में पानी घुस जाता है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं.
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