प्रतिनिधि,सीवान.रोजी-रोजगार को लेकर महानगरों में रह रहे लोग होली पर अपने गांव आने लगे हैं. इसके चलते दिल्ली,हरियाणा, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, असम,उड़ीसा ,आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश व पश्चिम बंगाल आदि राज्यों से आने व जाने वाली ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ बनी है.लोगों को बैठने तक की जगह नहीं मिल रही है. इन दिनों दलहन व तिलहन की कटनी व दौनी भी होने वाली है. अप्रैल से गेहूं की कटनी भी शुरू होने वाली है. पर्व तो है ही. साथ ही रोजगार के लिए भी भारी संख्या में इन दिनों लोग महानगरों की ओर रुख कर रहे हैं. जिन लोगों ने पहले से रिज़र्वेशन करा रखा था वे तो थोड़ा आराम से यात्रा कर पा रहे हैं. अचानक यात्रा का कार्यक्रम बनाने वाले लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. यहां तक कि ट्रेनों में पावदान के निकट खड़े व बैठ कर यात्रा करते लोग दिख रहे हैं. रेल प्रशासन द्वारा होली पर्व में बिहार आने वाले यात्रियों के लिए स्पेशल ट्रेनें तो चलायी है. लेकिन नाकाफी है. नियमित ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है. यात्री अधिक पेनाल्टी देकर भी घर आने लगे हैं. दिल्ली से आने वाले यात्री एक हजार रुपये तक व पंजाब की ओर से आने वाले भी यात्री छह सौ से लेकर एक हजार तक का फाइन भर रहे हैं. गांव घर आने के लिए यात्री वेटिंग टिकट के अलावा बिना टिकट के भी यात्री कर रहे हैं. हालत यह है कि जनरल बोगी में पैर रखने तक की जगह नहीं हैं. जनरल कोच के शौचालय तक में यात्री सफर कर रहे हैं. यात्रा कर रहे मनोज राजभर,गोलू राजभर,अमरेंद्र पंडित,कल्याण भगत आदि यात्रियों ने बताया कि तीन महीने पहले ही नई दिल्ली से सीवान तक स्लीपर क्लास का टिकट रिज़र्वेशन करा लिए थे. बावजूद भीड़ अधिक होने से स्लीपर क्लास की स्थिति जनरल कोच से भी बदत्तर बनी थी. इन ट्रेनों में यात्रा करना हुआ मुश्किल वैशाली एक्सप्रेस, गरीब रथ एक्सप्रेस,चंडीगढ़ डिबलुगढ़ एक्सप्रेस, मौर्य एक्सप्रेस,बिहार संपर्क क्रांति,न्यूजलपाईगुड़ी एक्सप्रेस, कविगुरु एक्सप्रेस आदि सीवान आने या यहां से महानगर जाने वाली अन्य ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ की स्थिति बनी है. दिल्ली, पंजाब, मुंबई,बेंगलौर आदि अन्य बड़े शहरों व राज्यों से आने वाली ट्रेनों मे भी यात्रियों की भीड़ बढ़ चुकी है.
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