प्रतिनिधि,सीवान. सात वर्षों से फाइलेरिया के कारण पारिवारिक व सामाजिक परेशानी और चुनौतीपूर्ण जीवन से हसनपुरा प्रखंड के गायघाट निवासी चंदन कुमार सोनी एवं बेबी देवी की 16 वर्षीय पुत्री धन कुमारी काफी मायूस थी.उसने हसनपुरा और आंदर प्रखंड के कई निजी चिकित्सकों से पैर में सूजन का इलाज करा चुकी थी. लेकिन दवा खाने के बावजूद कोई फायदा नहीं हुआ. वर्ष 2022 में जब वह आठवीं वर्ग में अध्ययनरत थी तब पैर का सूजन गंभीर रूप ले लिया था. इसी दौरान गांव की आशा पुनीता देवी ने समीप के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सह आयुष्मान आरोग्य मंदिर लेकर गई.सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी अमरजीत द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ा गया.फाइलेरिया उन्मूलन के बारे में जानकारी दी गयी.अपनी व्यथा दूसरे के साथ न हो इसके लिए धन कुमारी रोगी हितधारक मंच से जुड़ गयी.रोगी हितधारक प्लेटफॉर्म से जुड़ने के बाद फाइलेरिया बीमारी होने के बाद इसका बचाव और उपाय क्या है इसके बारे में जाना. उसके बाद वह अपने घर पर फाइलेरिया से प्रभावित पैरों की साफ- सफाई की.उसने बताया कि अब मेरे पैर का सूजन पहले से काफी ठीक है.अब हमें स्कूल की सभी छात्राओं के साथ में खेलना और पढ़ाई करने में कोई हिचक नहीं होती हैं. छात्राओं के बीच अपनी पीड़ा को सुना लोगों को किया जागरूक धन कुमारी ने कहा कि फरवरी में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गांव में खिलाई गयी फाइलेरिया रोधी दवा सेवन के दौरान गायघाट, गोआसी, मितवार, महमूदपुर और जलालपुर गांव में अपनी मां और आशा के साथ अधिक से अधिक दवा खिलाने में अपनी भूमिका निभायी. सर्वजन दवा सेवन के दौरान मेरा हाथी जैसा पैर देखने और दवा खाने से इंकार करने वाले मिडिल स्कूल के लगभग 260 से अधिक छात्र और छात्राओं के बीच अपनी पीड़ा को सुनाते हुए स्कूल में कैंप लगा कर दवा का उपयोग कराने के मदद की हूं. सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी अमरजीत ने कहा कि धन कुमारी के द्वारा स्थानीय पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या -07, 08, 09 और 10 में सर्वजन दवा सेवन के दौरान गृह भ्रमण कर सभी को दवा खिलाने को लेकर गांव में जागरूकता अभियान भी चलाई जिस कारण उक्त कार्यक्रम शत प्रतिशत सफल साबित हुआ है.
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