सीवान : शहर के एक निजी अस्पताल में बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने तोड़फोड़ और हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद आसपास के अस्पतालों से एकत्रित हुए स्वास्थ्य कर्मचारियों ने तोड़फोड़ और हंगामा कर रहे लोगों की पिटाई शुरू कर दी. दोनों ओर से मारपीट की सूचना पर पहुंची पुलिस ने बामुश्किल स्थिति को काबू किया. दोनों ही ओर से दी गयी तहरीर के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है. घटना से गुस्साये चिकित्सकों ने जहां बेमियादी हड़ताल का एलान किया है,
वहीं दूसरी ओर बच्चे के परिजनों को मुआवजा दिलाने और चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर लोगों ने अांदोलन की चेतावनी दी है. अस्पताल रोड स्थित डॉ दिनेश कुमार सिंह के निजी क्लिनिक में शुक्रवार की सुबह आठ बजे इलाज के दौरान एक छह साल के बच्चे की मौत हो गयी. पुलिस को दी गयी तहरीर में फलदार शर्मा ने बताया कि उनके भाई अवधेश शर्मा के छह वर्षीय पुत्र आर्यन का 23 अगस्त से डॉ दिनेश कुमार सिंह के यहां इलाज चल रहा था.
23 की शाम में डॉक्टर ने बच्चे की हालत ठीक बता कुछ दवा लिखकर घर जाने की सलाह दी. शुक्रवार की सुबह करीब आठ बजे बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर जब उसे दिखाने के लिए लाया तो डॉक्टर ने एक इंजेक्शन देने को कहा. कंपाउंडर के इंजेक्शन देने के साथ ही बच्चा गिर पड़ा. आनन-फानन में परिजन उसे उठाकर सदर अस्पताल लाये, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर किया. आरोप है कि जब दुबारा वे लोग बच्चे की मौत का कारण पूछने के लिए गये तो डॉ दिनेश कुमार सिंह आक्रोशित हो गये. उनके कर्मचारी बच्चा कुशवाहा, छोटन कुशवाहा, सुभाष कुशवाहा और बगल के संजीवनी अस्पताल के सभी कर्मचारी लाठी-डंडा लेकर आये तथा गाली-गलौज करते हुए पिटाई करने लगे. मामले में आईएमए के सचिव डॉ शरद चौधरी भी आरोपित हैं.
हड़ताल पर गये गुस्साये डॉक्टर
घटना के विरोध में आईसा के प्रदेश उपाध्यक्ष जयशंकर पंडित के नेतृत्व में माले के कार्यकर्ता मृत बच्चे के परिजनों को मुआवजा, क्लिनिक को सील कर डॉक्टर की गिरफ्तारी करने की मांग को लेकर अस्पताल के सामने सड़क पर बैठ गये. प्रशासन के आश्वासन के बाद माले नेताओं ने आंदोलन खत्म किया. दूसरी ओर घटना से गुस्साये चिकित्सकों ने बेमियादी हड़ताल का एलान किया है.