28 घंटे बाद एसडीआरएफ की टीम पहुंची पटना से
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सरयू में डूबे दोनों युवकों के शव मिले
28 घंटे बाद एसडीआरएफ की टीम पहुंची पटना से रघुनाथपुर : सरयू नदी में डूबे दोनों युवकों के शव को स्थानीय नाविक व गोताखोरों की मदद से मंगलवार को बरामद कर लिया गया. घटना के 24 घंटे बाद शैलेंद्र भगत का तो 29 घंटे बाद मुन्ना भगत का शव बरामद हुआ. सोमवार को दोनों युवक […]
रघुनाथपुर : सरयू नदी में डूबे दोनों युवकों के शव को स्थानीय नाविक व गोताखोरों की मदद से मंगलवार को बरामद कर लिया गया. घटना के 24 घंटे बाद शैलेंद्र भगत का तो 29 घंटे बाद मुन्ना भगत का शव बरामद हुआ. सोमवार को दोनों युवक जल भरने के दौरान नरहन स्थित सरयू नदी में डूब गये थे. घटना स्थल से दोनों का शव करीब तीन सौ गज की दूरी के भीतर बरामद हुआ. मृतक थाना क्षेत्र के लगुसा गांव निवासी राम बचन भगत का बेटा शैलेंद्र भगत तथा स्व. मैनेजर भगत का बेटा मुन्न भगत है. इधर शव बरामद होने के बाद प्राकृतिक आपदा के तहत प्रशासन द्वारा चार चार लाख रुपये का मुआवजा दोनों मृतक के परिजनों को दिया गया.
बताते चलें कि सावन के अंतिम सोमवार को लगुसा गांव के दर्जनों युवकों की टोली नरहन के सरयू नदी से जल उठा कर राजपुर आंदर मुख्य मार्ग स्थित जटाहवा बाबा के स्थान पर जलाभिषेक करने गये थे. जहां स्नान करने के दौरान लगुसा गांव के उक्त दोनों युवक नदी में डूब गये. स्थानीय प्रशासन भी मौके पर पहुंच गयी और दोनों लापता युवकों की तलाश नदी में नाविकों व गोताखोरों द्वारा कर दी गयी. गोताखोरों के मुताबिक नदी के करीब पांच से सात किलोमीटर के दायरे में काफी खोजबीन की गयी परंतु सफलता हाथ नहीं लगी. मंगलवार की सुबह एक बार फिर लगभग 30 की संख्या में स्थानीय लोग चार छोटी नाव और एक बड़ी नाव के साथ नदी में ढूंढना शुरू किया. जहां घटनास्थल से पूर्व दिशा में लगभग 300 गज की दूरी पर सबसे पहले शैलेंद्र भगत का शव झाड़ी में सुबह नौ बजे मिला. शव मिलने की सूचना पर थानाध्यक्ष राकेश कुमार अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इसके पांच घंटा बाद नाव पर सवार लोगों को उसी स्थान पर दूसरे युवक मुन्ना भगत का शव मिला. दूसरे शव मिलने की सूचना पर अंचलाधिकारी सुगाली सेठ व थानाध्यक्ष तथा प्रखंड प्रमुख विनोद सिंह सहित अन्य लोग भी मौके पर पहुंच गए.
प्रशासन शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए इसे भी सीवान भेज दिया.
शव मिलने के बाद परिजनों में मचा कोहराम
नदी किनारे बैरिकेडिंग नहीं होने से लोगों में आक्रोश
नदी में लगभग प्रत्येक साल जल स्तर में काफी वृद्धि होती है. जिससे फसल के साथ साथ जान माल का भी काफी नुकसान होता है. ऐसे में विशेष रूप से सावन के महीने में स्नान पर जलभराव करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा होता है. इस स्थिति में प्रशासन की ओर से किसी प्रकार के बैरिकेडिंग की व्यवस्था नहीं होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. लोगों का कहना था कि यदि प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग की व्यवस्था होती तो संभव है कि इस प्रकार की घटनाओं से निजात मिलता. हलाकि अंचल की तरफ से तीन गार्डो की तैनाती की गई है
28 घंटे बाद पहुंची एसडीआरएफ की टीम
महाराजगंज में 659 लोगों पर विभिन्न धाराओं में हुई कार्रवाई
एक नजर थानावार कार्रवाई पर
धारा 107 110 सीआरपीसी सीसीए
महाराजगंज 58 28
दरौंदा 100 117
गोरेयाकोठी 82 200
बसंतपुर 121 21
लकड़ीनबीगंज 150 500
भगवानपुर हाट 55 55
जामो 50 0201
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