सीतामढ़ी. अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर शुक्रवार को नगर के लोहिया आश्रम में 74 के लोग के संयोजक डॉ रमाशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में उपस्थित लोगों ने अगस्त क्रांति के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. जेपी सेनानी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि गांधी जी के करो या मरो आह्वान के बाद देश भर में स्वत:स्फूर्त ढंग से नवयुवकों द्वारा शासन के विरुद्ध कार्रवाई को अंजाम दिया जाने लगा और लोगों ने प्रशासन और पुलिस के स्थानीय केंद्रों के अलावा न्यायालयों और विद्यालयों पर कब्जा कर राष्ट्रीय झंडा फहराने को जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम बना लिया. भाई रघुनाथ ने कहा कि यह क्रांति वस्तुतः सोशलिस्ट नेताओं के नेतृत्व में लड़ा गया था और लोकनायक जयप्रकाश नारायण और डॉ राममनोहर लोहिया इसके हीरो साबित हुए. डॉ ब्रजेश कुमार शर्मा ने कहा कि आजादी के उत्सव के रूप में 9 अगस्त का महत्व वस्तुतः 15 अगस्त से अधिक है, क्योंकि अंग्रेजी शासन की जगह भारतीय शासन की स्थापना के कारण 15 अगस्त शासकीय उत्सवों का दिन है. डॉ शशिरंजन कुमार ने कहा कि 1942 तक आते आते स्वाधीनता संग्राम की सभी धाराएं लगभग मिलती हुई लगती हैं और देश की जनता बिना दुविधा के एकजुट संघर्ष के लिए आगे आ चुकी थी. इस कार्यक्रम में ईश्वर चंद्र मिश्र, रमेश कुमार, सीताराम सर्वहारा, तेजनारायण यादव, कौशल किशोर सिंह, रामसंजीवन सिंह, अद्भुत झा, सुरेंद्र पटेल, सुरेंद्र हाथी, राजन गुप्ता, रमेश कुमार सिंह समेत अन्य मौजूद रहे.
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