Nepal Gen z protest: नेपाल में राजनीतिक संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के बाद वहां के युवाओं का गुस्सा खुलकर सामने आया. पहले से ही भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से परेशान लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. देखते ही देखते ये प्रदर्शन हिंसक रूप ले बैठा. काठमांडू स्थित संसद भवन में आग लगा दी गई, जिससे हालात और बिगड़ गए. इसके बाद नेपाल के गृहमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दिया और अगले ही दिन प्रधानमंत्री ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया. इन घटनाओं के चलते काठमांडू प्रशासन ने सुबह 8:30 बजे से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया, ताकि हालात काबू में किए जा सकें. इसी बीच नेपाल के जलेश्वर जेल से दस कैदी भाग निकले और चोरी-छिपे भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन भारत की सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने उन्हें पकड़ लिया. जवानों ने इन कैदियों को अपने कब्जे में लेकर भिठ्ठा और सुरसंड थाना पुलिस को सौंप दिया.
हिरासत में लिए गए ये कैदी
पकड़े गए कैदियों में नेपाल के धनुषा जिले के मुखियापट्टी मुसहरनिया निवासी रामगुलाम महतो, औरही थाना क्षेत्र के हसनपुर नगरपालिका निवासी विनोद राय, महोत्तरी जिले के धिरापुर गांव निवासी मोजाहिद अंसारी, लोहरपट्टी क्षेत्र के खुट्टा पिपराढ़ी निवासी सुरेंद्र साह सोनार, धनुषा जिले के कुर्था गांव निवासी इंद्रेश मंडल और यदुकाहा निवासी कृष्ण कुमार महतो शामिल हैं. वहीं बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर निवासी मोहन कुमार और मोतिहारी जिले के परसौनी खेम निवासी गुड्डू कुमार भी पकड़ लिए गए. इसके अलावा नेपाल के जलेश्वर वार्ड नंबर-1 निवासी रियाज दफाली और हेठौढ़ा वार्ड नंबर-3 निवासी राजेश तमांग भी हिरासत में लिए गए हैं.
सीमा पर बढ़ा दी गई सुरुक्षा
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की आगे की कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर की जाएगी. वहीं सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह नियंत्रण रखा जा सके.
सोशल मीडिया बैन होने पर हुआ हंगामा
इस पूरे घटना ने दोनों देशों की सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता को लेकर चिंता बढ़ा दी है. साथ ही, नेपाल में सोशल मीडिया बैन, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर लोगों में रोष साफ तौर पर देखने को मिल रहा है.

