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गद्धिा में नक्सलियों का शहीदी मेला आज से

गिद्धा में नक्सलियों का शहीदी मेला आज से फोटो 36, गिद्धा में बना शहीदी स्मारक रुन्नीसैदपुर. जिले के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र गिद्धा फुलवरिया पंचायत के गिद्धा चौक पर नक्सलियों द्वारा निर्मित शहीद स्मारक के पास प्रतिवर्ष की तरह लगने वाला शहीदी मेला का आयोजन सोमवार से शुरू हो जायेगा. शहादत को करते है यादनक्सली […]

गिद्धा में नक्सलियों का शहीदी मेला आज से फोटो 36, गिद्धा में बना शहीदी स्मारक रुन्नीसैदपुर. जिले के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र गिद्धा फुलवरिया पंचायत के गिद्धा चौक पर नक्सलियों द्वारा निर्मित शहीद स्मारक के पास प्रतिवर्ष की तरह लगने वाला शहीदी मेला का आयोजन सोमवार से शुरू हो जायेगा. शहादत को करते है यादनक्सली नेताओं की शहादत को याद करने वाले प्रतिवर्ष की तरह लगने वाले तीन दिवसीय मेला की तैयारी अंतिम चरण में है. हालांकि, इस वर्ष जिला पुलिस, एसएसबी व सीआरपीएफ की मुस्तैदी व गिद्धा चौक के चारों ओर सुरक्षाकर्मियों की घेराबंदी से रौनकता कम व सन्नाटा ज्यादा पसरा हुआ है. बावजूद आयोजकों ने मेला की रौनकता बढ़ाने के लिए मेला में मनोरंजन के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की व्यवस्था की है. मेला को लेकर रणद्वार बनाए गए हैं. दुकानदार अपनी-अपनी दुकान सजाने में लगे हैं. रविवार को उद्घाटनतीन दिवसीय मेला का उद्घाटन प्रतिवर्ष की तरह मेला के आयोजन से एक दिन पूर्व मध्य रात्रि रविवार को होने की बात कही जा रही है. पूर्व के वर्षों की तरह इस वर्ष भी मेला का उद्घाटन किसी बड़े नक्सली नेता द्वारा कराए जाने की संभावना है. हालांकि इसे पूरी तरह ग्रामीणों के द्वारा आयोजित मेला बताया जा रहा है. भाकपा माओवादी नेता भाष्कर ने मोबाइल पर बताया कि तरियानी छपड़ा निवासी माला देवी की अगुआइ में सामाजिक सहयोग से ग्रामीणों द्वारा आयोजित किए जा रहे मेले में सुरक्षा की अत्यधिक व्यवस्था से भय का माहौल बन गया है. 2010 से हो रहा मेला का आयोजनमेला के पूर्व के आयोजन पर प्रकाश डाला जाए तो गत 28 फरवरी 2010 से प्रतिवर्ष मेला का आयोजन होता आया है. इस दौरान बिहार व झारखंड के नक्सली समर्थक वहां आकर नक्सली शहीद स्मारक पर अपना श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं. वर्ष-2014 में तमाम पुलिसिया नाकेबंदी के बाद भी नक्सली नेता राजन राम उर्फ प्रहार ने शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित कर मेला का उद्घाटन ही नहीं किया था, बल्कि आधे घंटे तक लोगों को संबोधित कर गरीबों के हक व हकूक की रक्षा एवं पुलिस प्रशासन के खिलाफ नक्सली दस्ते में शामिल होने का आह्नान भी किया था. इस नक्सली मेला की विशेषता यह है कि मेला के दौरान शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आयोजन समिति के सदस्य खुद तत्पर रहते हैं. कभी भी प्रशासन से सहयोग लेने की परंपरा नहीं रही है. मेला स्थल पर नक्सली गुप्तचर द्वारा चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाती है. प्रशासनिक गतिविधि पर भी कई दिन पूर्व से नजर रखनी शुरू हो जाती है. अब तक अप्रिय घटना नहींदिलचस्प बात यह है कि इस शाखा मेला में अब तक किसी प्रकार की अप्रिय घटनाएं नहीं हुई है. ग्रामीण इस मेले के आयोजन में कही से भी नक्सलियों की भागीदारी को सिरे से खारिज करते रहे हैं. मेला आयोजन को लेकर जांच करने पहुंची पुलिस को भी कभी नक्सलियों की भागीदारी का पुख्ता सबूत नहीं मिल सका है. हालांकि इस दफा प्रशासनिक सक्रियता के कारण रंगाइ-पुताइ भी नहीं की जा सकी है. मेला आयोजन को लेकर खुफिया विभाग व प्रशासन पूर्णतया सक्रिय है. क्या कहते हैं अधिकारीमहिंदवारा ओपी प्रभारी उमाकांत सिंह का कहना है कि गिद्धा व उसके आसपास के इलाका में पुलिस लगातार गस्त लगा रही है. क्षेत्र के गतिविधि पर पूरी नजर रखी जा रही है.

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